नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राजधानी के लोगों के लिए ‘फ्री रेडियोलोजी टेस्ट स्कीम’ लांच कर दी है। इसके तहत अब दिल्लीवासियों को प्राइवेट अस्पतालों में फ्री इलाज मिल सकेगा। सरकार की इस स्कीम के अनुसार अगर किसी मरीज को सर्जरी के लिए सरकारी अस्पताल में एक महीने से ज्यादा की तारीख मिलती है तो उसकी सर्जरी प्राइवेट अस्पताल में हो सकेगी, और वो भी मुफ्त जिसके तहत 30 सरकारी अस्पतालों के मरीजों को 41 निजी अस्पतालों में रेफर किया जा सकेगा। दिल्ली सरकार के अनुसार ये सुविधा दिल्ली के हर नागरिक को मिलेगी फिर चाहे उसकी आय कितनी भी हो।
स्कीम के तहत निजी अस्पताल में होगा इलाज:-
इस मसले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा, दिल्ली में फ्री रेडियोलोजी टेस्ट की ये स्कीम एक क्रांतिकारी कदम है। पहले सरकारी अस्पतालों में यूजर चार्ज के नाम पर जनता से इलाज के लिए बहुत पैसे लिए जाते थे, हमने इसपर रोक लगाया। वहीं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, हेल्थ फॉर ऑल कॉन्सेप्ट’को आगे बढ़ाते हुए ये फैसला लिया है। इसके तहत यदि किसी व्यक्ति को सर्जरी की एक महीने से ज्यादा की डेट मिलती है तो वो निजी अस्पताल में रेफर किया जाएगा। जहां उसका इलाज एकदम फ्री होगा। इसका पूरा खर्चा दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी होगी।
सत्येंद्र जैन के मुताबिक, प्रोस्टेट और किडनी स्टोन नामक दो ऐसी सर्जरी हैं जो सरकारी अस्पतालों में नहीं होती, लेकिन सरकार इसकी सुविधा भी प्राइवेट अस्पताल में देगी। इलाज के दौरान प्री सर्जरी कंसल्टेशन से लेकर, सर्जरी, दवाएं, खाना अस्पताल में रहने और एक महीने के फॉलोअप का पूरा खर्चा सरकार उठाएगी।
इन अस्पतालों में मिलेगी इलाज की फ्री सुविधा:-
उन्होंने बताया अब तक सरकारी अस्पतालों से सर्जरी कराने के लिए 3 महीने से 2 साल तक का इंतजार करना पड़ता है इसलिए दिल्ली की सरकार नें बड़े निजी अस्पतालों से टाइ-अप किया है ताकि मरीज़ को एक महीने से ज्यादा देर तक का इंतज़ार ना करना पड़े। जिन बड़े निजी अस्पतालों में मिलेगी फ्री सेवाएं मिलेगी वे दिल्ली हार्ट एंड लंग्स इंस्टीट्यूट, डॉ. बी.एल. कपूर मेमोरियल हॉस्पिटल, धर्मशिला हॉस्पिटल, इंडियन स्पाइनरी इंजरी इंस्टिट्यूट, मैक्स हॉस्पिटल, नेशनल हार्ट इंस्टिट्यूट, मेट्रो हॉस्पिटल, रॉकलैंड हॉस्पिटल। हालांकि मुफ्त में इलाज कराने के लिए मरीजों को आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, या जन्म प्रमाण पत्र में से कोई एक आईडी होना जरूरी है।
इससे पहले पिछले साल दिल्ली सरकार ने दिसंबर में 8 प्राइवेट लैब से टाइ-अप किया था ताकि गरीब मरीज मुफ्त में सीटी स्कैन और एमआरआई की सुविधा ले सकें। दो हफ्ते पहले ही इस स्कीम को बढ़ाने के लिए इसमें 13 महंगे टेस्ट शामिल किए।