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Skylight Operation: सेना ने 5 दिन तक सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम को परखा

skylight Skylight Operation: सेना ने 5 दिन तक सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम को परखा

भारतीय सेना द्वारा अपने सैटेलाइट कम्यूनिकेशन को चेक करने के लिए शुरू किया गया ‘ऑपरेशन स्काईलाइट’ अभ्यास कामयाब रहा है। अंडमान एवं निकोबार आइलैंड्स से लेकर लद्दाख तक, थलसेना के सारे सैटेलाइट कम्‍युनिकेशंस सिस्‍टम्‍स 5 दिन तक ऐक्टिव रहे। 25 जुलाई से 29 जुलाई के बीच सेना ने यह परखा कि उसका कम्‍युनिकेशन कितना मजबूत है।

पूरे अभ्यास में 200 से ज्यादा स्टेटिक सेटेलाइट प्लेटफॉर्म, 80 से ज्यादा वीइकल बेस्ड और मैन पोर्टेबल सिस्टम परखे गए। ऑपरेशन ‘स्काईलाइट’ में सेना ने यह भी देखा कि भारी बारिश, बर्फबारी और खराब मौसम के बीच किस तरह सेटेलाइट सिस्टम फ्रंट लाइन पर तैनात सैनिकों को कम्युनिकेशन में मदद करता है। साथ ही यह भी जांचा गया कि कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम किस तरह बिना बाधा के काम कर सकता है।

‘स्काईलाइट’ की खासियत

इन टर्मिनल से सेना को सिक्योर वॉयस, वीडियो और डाटा कनेक्टिवेटी मिल सकती है और इन्हें एक जगह से दूसरी जगह आसानी से मूव किया जा सकता है और किसी भी तरह के इलाकों में इस्तेमाल किया जा सकता है। मैकेनाइज्ड ऑपरेशन्स के लिए ये वियोंड लाइन ऑफ साइट टेक्टिकल कम्युनिकेशन मुहैया करा सकते हैं। इस‌ अभ्यास के दौरान इसरो यानि इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन की भी मदद ली गई है।

‘स्‍काईलाइट’ ऑपरेशन में ISRO व उन एजेंसियों ने भी हिस्‍सा लिया जो थलसेना के कम्‍युनिकेशंस में हाथ बंटाती हैं। भारत की थलसेना ने यह पूरी एक्‍सरसाइज चीन को ध्‍यान में रखकर की है।

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