पटना के नजदीक सोन नदी में एक बड़ी नाव पर खाना बनाने के दौरान आग लगने से चार मजदूर जिंदा जल गए।
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यह नाव बालू के अवैध खनन में इस्तेमाल हो रही थी। एलपीजी सिलेंडर में आग लगने के बाद विस्फोट की भी बात कही जा रही है। हादसे में जले मजदूरों के शवों को पहचानना मुश्किल हो रहा है। हालांकि घटनास्थल पर मौजूद अन्य नावों में तैनात मजदूरों की सहायता से मृतकों की पहचान हो गई है। मरने वालों में एक झारखंड का जबकि शेष स्थानीय निवासी हैं। घटनास्थल से थोड़ी ही दूरी पर सोन नदी गंगा से मिलती है। यह घटना शनिवार को मनेर के रामपुर दियारा में हुई।
मृतकों की पहचान रंजन पासवान (32) पिता श्रीराम पासवान, दशरथ पासवान (32) पिता स्वर्गीय प्रभु पासवान, ओमप्रकाश राय (34) पिता रविन्द्र राय सभी हल्दी छपरा मनेर एवं कन्हाई बिंद (40) साहेबगंज शोभनपुर, झारखंड के रूप में हुई है।
आपको बता दें कि अवैध बालू खनन में लगी बड़ी-बड़ी नावों पर मजदूरों के रहने-खाने का भी इंतजाम रहता है। मजदूर नावों पर गैस चूल्हा इस्तेमाल कर खाना बनाते और खाते हैं। शनिवार को ऐसी ही एक नाव पर खाना बनाने के क्रम में आग लग गई। इसके बाद सिलेंडर फट गया। इस हादसे में नाव पर मौजूद मजदूर जिंदा जल गए। नाव पर जले शवों की बहुत ही भयावह तस्वीरें सामने आई हैं। अब तक चार मृतकों की पहचान का दावा किया जा रहा है। इनमें से तीन स्थानीय हैं, जबकि एक झारखंड का रहने वाला है।
घटना के बाद नदी के घाट पर अफरा तफरी मच गई। अवैध बालू खनन में लगी दूसरी नावों पर सवार मजदूर भी सहम गए। सूचना पर पहुंची मनेर पुलिस शव को बरामद करने के लिए जुटी रही। घटना की जानकारी मिलते ही गांव और आसपास के लोगों की भीड़ काफी संख्या में जुटी रही। वही ग्रामीणों की मानें तो नाव पर खाना बनाने के दौरान रसोई सिलेंडर में अचानक आग लग गई। इसके बाद देखते ही देखते सिलेंडर विस्फोट कर गया। वहीं अब तक मनेर पुलिस का कहना है कि शव बरामद होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितने लोगों की मौत हुई है।
अवैध बालू खनन में लगे मजदूर अक्सर अपनी जान गंवाते रहते हैं। कभी नाव टकराने के बाद तो कभी डूबकर। बालू के धंधेबाज कई बार इसकी खबर तक प्रशासन को लगने नहीं देते। दबंग धंधेबाज मजदूरों के स्वजनों को कुछ रुपए ले-देकर मामला रफा-दफा कर देते हैं। यह हादसा जहां हुआ, वहां से थोड़ी ही दूरी पर गंगा और सोन नदियों का मिलन होता है।