नई दिल्ली। बहुचर्चित जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में पठानकोट के एक विशेष अदालत ने सोमवार को छह लोगों को दोषी करार दिया। इस प्रकरण में दिलचस्प वाकया ये रहा कि मुख्य आरोपी सांझीराम के बेटे एवं सातवें आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया है।
सजा अभी सुनाना बाकी है ऐसे में पीड़िता परिवार के वकील फारुकी खान ने कहा, ‘‘अदालत ने छह लोगों को दोषी करार दिया है। उच्चतम न्यायालय ने मामले को सात मई 2018 को कठुआ से पंजाब के पठानकोट में स्थानांतरित कर दिया था। मामले की बंद कमरे में हुई सुनवाई तीन जून को पूरी हुई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।’’
पंद्रह पृष्ठों के आरोपपत्र के अनुसार, पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गई आठ साल की मासूम बच्ची को कठुआ जिले में एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया और उससे दुष्कर्म किया गया। उसे जान से मारने से पहले उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया। जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला एवं सत्र अदालत ने पिछले साल जून के पहले सप्ताह में इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू की थी।
ये हैं इस केस के दोषी:
- सांझी राम- मुख्य आरोपी
- आनंद दत्ता- असिस्टेंट सब इन्सपेक्टर
- परवेश कुमार- ग्राम प्रधान
- दीपक खजूरिया- एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर)
- सुरेंद्र वर्मा- एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर)
- तिलक राज- हेड कांस्टेबल
इसके अलावा-
- एक नाबालिग- इसकी सुनवाई कठुआ कोर्ट में हो रही है
- सांझी राम का बेटा विशाल को बरी कर दिया गया है
मामले में हेड कांस्टेबल तिलक राज और उप निरीक्षक आनंद दत्ता को भी दोषी ठहराया गया है जिन पर सांझीराम से चार लाख रुपये लेने और अहम सबूत नष्ट करने का आरोप था। बच्ची का शव पिछले साल 17 जनवरी को मिला था और पोस्टमार्टम में बच्ची से सामूहिक बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई। अभियोजन के अनुसार अदालत ने धाराओं 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 302 (हत्या) और 376-डी (सामूहिक बलात्कार) समेत रणबीर दंड संहिता के तहत आरोप तय किए थे।