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अगर आप भी यूज करते हैं डार्क मोड में मोबाइल, तो आज ही हो जाएं सावधान

अगर आप भी यूज करते हैं डार्क मोड में मोबाइल, तो आज ही हो जाएं सावधान

लखनऊः आज के समय में स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। डेली नए अपडेट्स हमें देखने को मिलते रहते हैं। ऐसे में आजकल लोगों के बीच डार्क मोड का क्रेज काफी बढ़ गया है। यूजर्स ज्यादातर ऐप्स डार्क मोड में इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर आप भी ऐसा ही कुछ करते हैं तो डार्क मोड से होने वाले नुकसानों के बारे में जान लीजिए। हम आपको इन्हीं नुकसानों से अगाह करने जा रहे हैं, क्योंकि डार्क मोड देखने में भले ही अच्छा लगता हो लेकिन इससे होना वाला नुकसान आपके लिए खतरनाक हो साबित हो सकता है।

स्मार्टफोन में डार्क मोड का क्रेज

स्मार्टफोन में डार्क मोड का चलन तेजी से बढ़ रहा है। डार्क मोड ऑन करने पर मोबाइल की डिस्प्ले ब्लैक या डार्क ब्लैक कलर में हो जाती है। जिसकी वजह से हमारी आंखों में कम रोशनी जाती है और हम ज्यादा देर ततक बिना थके फोन का इस्तेमाल कर पाते हैं। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि डार्क मोड जहां रात में ठीक रहता है तो वहीं दिन के समय ये नुकसानदायक साबित हो सकता है।

कमजोर होती हैं आंखें

लंबे समय तक डार्क मोड में मोबाइल यूज करने से हमारी आंखे वही अडॉप्ट कर लेती हैं और वाइट कलर का टेक्स्ट ब्लैक बैकग्राउंड पर पढ़ना आसान लगता है। मगर, वहीं जब हम लाइट मोड में जाते हैं तो इसका असर हमारी आंखों पर पड़ने लगता है और विजन कमजोर हो जाती है। डार्क मोड ज्यादा इस्तेमाल करने से आंखों की परेशानियां बढ़ जाती हैं।

दरअसल, इसका प्रमुख कारण ये है कि लाइट से डार्क टेक्स्ट के बीच स्विच करने से हमारी आंखे अचानक हुए इस परिवर्तन को अडॉप्ट नहीं कर पाती हैं, ऐसे में ब्राइटबर्न की स्थिति पैदा हो जाती है।

आंख में ये हो सकती है बीमारी

अमेरिकन ऑप्टोमेट्रिक एसोसिएशन के मुताबिक, डार्क मोड यूज करने वाले लोगों में एस्टिगमेटिज्म नाम की बीमारी सामने आती है। इसके लक्षण आपको जल्द ही दिखाई पड़ने लगते हैं। आपकी एक आंख या फिर दोनों आंखों में कॉर्निया शेप का कुछ अजीब सा दिखने लगता है। कई बार तो ब्लर भी दिखाई देता है। इसकी वजह से वाइट बैकग्राउंड पर ब्लैक टेक्स्ट के मुकाबले ब्लैक बैकग्राउंड पर वाइट टेक्स्ट आसानी से पढ़ना मुश्किल होता है।

मोबाइल का डिस्प्ले ब्राइट होने से आइरिस छोटा हो जाता है ताकि आंख में कम लाइट जाए। जबकि डार्क मोड के साथ उल्टा होता है। इससे आंख के फोकस पर गहरा असर पड़ता है।

ये हैं उपाय

डार्क मोड से हो रहे नुकसान से अगर आप अपनी आंखें बचाना चाहते हैं तो आपको डार्क मोड और लाइट मोड को बीच-बीच में बदलते रहना चाहिए। जहां तक मुमकिन हो आप मोबाइल की डिस्प्ले की ब्राइटनेस कम ही रखें। डार्क मोड का इस्तेमाल रात में ही करें और दिन में लाइट मोड ही यूज करें।

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