featured यूपी

फतेहपुर जिला अस्पताल में कोरोना जांच के लिए मारामारी    

फतेहपुर जिला अस्पताल में कोरोना जांच के लिए मारामारी    

फतेहपुर: जिला अस्पताल में कोरोना की जांच करवाना किसी युद्ध जीतने से कम नहीं है। यहां पर प्रतिदिन 130 से अधिक लोगों की कोरोना जांच होती है। भारी भीड़ के कारण जांच करवाने आए लोगों के बीच ना केवल मारपीट की नौबत आ जाती है बल्कि जांच में लगे स्टॉफ से भी लोग अभद्रता करते हैं। ऐसे में ना केवल जांच प्रभावित होती है बल्कि लोगों को समय से उपचार भी नहीं मिल पाता है। यहां पर जांच करने वाले पुष्पेंद्र ने बताया कि एकलौता केंद्र होने के कारण बहुत दिक्कत हो रही है।

जिला चिकित्‍सालय के महिला और पुरुष परिसर में दो एंबुलेंस सचल दस्ते लगते थे। इसमें पैरामेडिकल स्टॉफ होता था और दोनों ओर अलग-अलग जांचें होती थीं, लेकिन काफी समय से दोनों सचल दस्ते काम नहीं कर रहे हैं। जबकि पुरुष चिकित्सालय के ट्रॉमा सेंटर में एकमात्र कोरोना जांच केंद्र सक्रिय है। ऐसे में यहां पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है।

एक लैब टेक्‍नीशियन के सहारे सारे काम

कोरोना रिपोर्ट केवल चिकित्सालय में आए मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि जेल में मिलने जाने वाले परिजनों के लिए भी जरूरी होती है। पीईटी की परीक्षा होनी है, ऐसे में गैर जनपद या जिले में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी भी अपनी कोरोना जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं। इसी तरह जिसे विदेश जाना है, उसे भी कोरोना जांच रिपोर्ट की आवश्यकता पड़ रही है। इस तरह महज एक लैब टेक्नीशियन के सहारे सारा काम हो रहा है।

 

फतेहपुर जिला अस्पताल में कोरोना जांच के लिए मारामारी    

 

ट्रामा सेंटर में जांच करने वाले पुष्पेंद्र, उनके सहायक और एक गार्ड मौके पर उमड़ी भीड़ को संभालने का प्रयास करते हैं, लेकिन लोग नहीं मानते। नंबर से जांच कराने के नाम पर लोग मेडिकल स्टॉफ से ही उलझने लगते हैं। ऐसे में गंभीर मरीज की समय से जांच ना होने के कारण बड़ी घटना हो सकती है।

Related posts

शिक्षक दिवस आज, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने दी बधाई, बताया शिक्षक दिवस का मकसद

Trinath Mishra

देहरादून एयरपोर्ट : यात्रियों के लिए खुला गया 250 करोड़ लागत से बना नया टर्मिनल

Neetu Rajbhar

नोटबंदी को लेकर सीएम अखिलेश यादव का बड़ा ऐलान

piyush shukla