कोरोना की महामारी लगातार फैलती जा रही है। जिसकी वजह से लोग इसके प्रकोप में फंसते जा रहे हैं और अपनी जान गंवाते जा रहे हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी अभी तक कोरोना की दवाई नहीं बन सकी है। लेकिन भारत में आज तीन लोगों को कोरोना की दवाई लगाई गई है। जिसे उम्मीद की किरण के तौर पर देखा जा रहा है। कोरोना की ये दवाई देसी दवाई है।देसी कोरोना वैक्सीन हरियाणा के रोहतक में पीजीआई के वॉलंटिअर्स को पहले ग्रुप को पहली डोज दी गई है। हरियाणा के हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज के मुताबिक, तीनों कैंडिडेट्स के शरीर ने वैक्सीन को आसानी से स्वीकार कर लिया। उनपर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है।
सभी लोगों की उम्र 18 से 55 साल की है। स्वस्थ लोगों को यह वैक्सीन दो डोज में दी जानी है। फेज 1 ट्रायल में दूसरी डोज 14वें दिन पर दी जाएगी। टोटल 1,125 वॉलंटिअर्स पर स्टडी होनी है। जिसके बाद ये स्पष्ट हो जाएगा कि, ये देसी दवाई कोरोना को जड़ से निकालने में कारगर है या नहीं।इस वैक्सीन का ट्रायल देश में अलग-अलग शहरों के 14 रिसर्च इंस्टीट्यूट्स में किया जा रहा है।
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ICMR ने उन्हीं इंस्टीट्यूट्स को चुना है जहां पर क्लिनिकल फार्माकॉलजी विंग है और ह्यूमन ट्रायल में एक्सपीरिएंस वाले हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स हैं। इस दवाई को पूरा बनने में एक साल से ज्याद समय लगेगा। फिलहाल कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।इस दवाी को बायोटेक आयुर्वैदिक कंपनी ने बनाया है। जिसका नाम कोनविक्सिन है।