बेंगलुरू के फ्रेंच गुयाना के कोरू से गुरूवार तड़के दो बजे जीसैट-17 का सफल प्रक्षेपण किया गया है। एरियनस्पेस रॉकेट के जरिए इस आधुनिक संचार उपग्रह जीसैट की सफल प्रक्षेपण किया गया था। इससे पहले इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने इसका ऐलान करते हुए इस प्रक्षेपण के बारे में जानकारी दी थी। उनका कहना था कि भारतीय समयानुसार 29 जून को रात 2 बजकर 29 मिनट पर इसका प्रक्षेपण किया जाएगा। इसरो ने ऐलान किया था कि 29 जून गुरूवार रात 2 बजकर 29 मिनट पर जीसैट -17 का प्रक्षेपण किया जाएगा।
वही दूसरी तरफ भारतीय सेना अब और भी ज्यादा ताकतवर हो गई है। अब भारतीय सेना को ताकतवर बनाने के लिए सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। दुश्मन चाहे कही पर भी अब वह सेना की नजरों से नहीं बच सकती है। क्योंकि दुश्मनों पर नजर रखने के लिए सेना इसरो की 13 सैटेलाइट को अपने प्रयोग में लेकर आएगी। सभी सैटेलाइट के माध्यम से बॉर्डर पर दुश्मनों की गतिविधी पर नजर रखी जाएगी। इसरो द्वारा लॉन्च की गई 13 सैटेलाइट में कार्टोसेट सीरीज-2 शामिल है। इसरो ने इन सभी मिसाइल को पृथ्वी की कक्षा के करीब ही स्थापित कि है। सूत्रों के अनुसार कार्टोसेट-2 सैटेलाइट के साथ कार्टोसेट 1 रीसेट-1 और रीसेट -2 सैटेलाइट के भी भारतीय सेना दुश्मनों पर नजर रखेगी।
बुधवार को इसरो ने बताया था कि 29 जून को आधी रात के बाद 2 बजकर 29 मिनट पर इसरा प्रक्षेपण किया जाएगा। अगर जीसैट-17 के बारे में बात की जाए तो यह उपग्रह सी बैड, विस्तारित सी बैंड और एस बैंड में कई संचार सेवाओं को उपलब्ध कराएगा। इसका वजन 3477 किलोग्राम है। इसरो (भारतीय इंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने बताया था कि यह उपग्रह आधारित खोज एवं बचाव के कार्य से जुड़े हुए आंकड़े भेजने वाले तथा मौसम संबंधी जानकारी देने के लिए काफी सहायक है। आपको बता दें कि श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी एमके-3 और पीएसएलवी सी-38 के बाद इसरो ने इस महीने में तीसरे उपग्रह का प्रक्षेपण किया है। एक ही महीने में इसरो ने तीन उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है।