नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने की अपनी कोशिशों को काफी तेज कर दिया था लेकिन भारत की इन कोशिशों के चलते लगातार सोशल मीडिया पर चीनी सामान के बहिष्कार की लोग अपील कर रहे थे जिसके चलते शुक्रवार को चीन ने एक बयान जारी करते हुए भारत को चेतावनी दी है। चीन के दूतावास के जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय बाजार में चीनी सामान का बहिष्कार करना दोनों देशो के संबंधों पर खराब असर डाल सकता है। भारत के इस तरह के कदम से चीन को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि कोई भी विकल्प न होने की वजह से भारतीय बाजारों और व्यापारियों को ही भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इसके साथ ही जारी बयान में कहा गया कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है लेकिन भारत में सिर्फ 2% हिस्सा ही जाता है इस वजह से चीन को इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा। बता दें कि उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने पीओके में घुसकर 50 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था और पाकिस्तान पर अपना शिकंजा कसने के लिए सिंधु नदी समझौता तोड़ने की बात कही थी जिसके बाद हमेशा से ही पाकिस्तान के समर्थन में खड़े रहने वाले चीन ने भारत को बह्मपुत्र नदी क पानी रोकने की चेतावनी दी थी। इसके अलावा सुरक्षा परिषद में आतंकी मसहूद अजहर को आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव में टांग अड़ाते हुए वीटो लगा दिया था। जिसके बाद से लगातार भारत का एक वर्ग चीनी सामानो का बहिष्कार करते हुए देखा गया।
बता दें कि इससे पहले भी चीन अपना विरोझ दर्ज करा चुका है। कुछ दिन पहले ही चीन की सरकारी मीडिया ने भारतीय सोशल मीडिया पर चीन में बने सामान के बहिष्कार के लिए किया गया आह्वान को भड़काऊ करार दिया था और कहा था कि भारतीय उत्पाद चीन के उत्पादों के मुकाबले में टिक नहीं सकते। ये लेख ’ग्लोबल टाइम्स’ में प्रकाशित हुआ था जिस पर भारत पर जमकर निशाना साधा गया था। इसके साथ ही इस लेख में कहा गया था कि भारत केवल ‘भौंक’सकता है, दोनों देशों के बढ़ते व्यापार घाटे के बारे में कुछ कर नहीं सकता।