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बाल श्रम के खिलाफ मुहिम, इंडिया गेट पर बनाई गई मानव श्रंखला

child labour बाल श्रम के खिलाफ मुहिम, इंडिया गेट पर बनाई गई मानव श्रंखला

कहा जाता है कि असली भारत गांव में बसता है। गांव से ही भारत को अच्छी तरह से जाना जा सकता है। वही गांव में जाकर यह भी देखा जाता है कि काम-काज के नाम पर किस तरह बच्चे अपना बचपन गवा देते हैं। बालश्रम के अपराध है सरकार ने इसे खत्म करने के लिए कई सारे कदम उठाए हैं। लेकिन अभी भी कुछ जगह एसी हैं जहां बच्चों से काम-काज कराने का अपराध किया जाता है। वही इंटरनेशनल वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर के मौके पर मानव श्रृंखसा बनाई गई है। यह मानव श्रंखला इंडिया गेट पर दिल्ली पुलिस और बीएसएफ ने मिलकर बनाई है और इस मौके पर बच्चों को उनका हक दिलाना और बाल श्रम के खिलाफ खड़े होने की शपथ भी ली गई है।

child labour बाल श्रम के खिलाफ मुहिम, इंडिया गेट पर बनाई गई मानव श्रंखला

पुलिस प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने बताया कि बाल श्रम कराना एक अपराध है इससे बच्चों का बचपन खत्म हो जाता है और उनके सिर पर काम-काज का बोझ डाल दिया जाता है और ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है। उनका कहना है कि बच्चों को उनका हक दिलाने कि लिए वह ट्राई के साथ मिलकर हमेशा खड़े रहेंगे। बच्चों को बालश्रम से सुरक्षा देना दिल्ली पुलिस का कर्तव्य है। इसलिए बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस और बीएसएफ का गठजोड़ काफी अहम है। वही दिल्ली पुलिस और बीएसएफ ने मानव श्रृंखला बना कर यह शपथ ली है कि बाल श्रम के अपराध पर रोक लगाई जाएगी।

अगर बात की जाए देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की तो जहां एक तरफ कहने को तो यह देश का सबसे बड़ा सूबा है लेकिन यहां सबसे ज्यादा स्थिति यहां पर ही खराब है। यहां सबसे ज्यादा बाल श्रम का अपराध किया जाता है। जानकारी के अनुसार यहां बाल श्रमिकों की संख्या करीब 9 लाख से भी अधिक है। बता दें कि भारत में करीब 3 करोड़ ऐसे बच्चे हैं जोकि कही ना कही बालश्रमिक कहलाते हैं। अगर महाराष्ट्र के बारे में बताया जाए तो यहां बालश्रमिकों की संख्या करीब 5 लाख है जोकि छोटी रहड़ी दुकानों पर काम-काज कर अपना बचपन खो देते हैं। वही कुछ बच्चों की तो मजबूरी होती है लेकिन कुछ लोग बच्चों से जबरदस्ती यह काम कराते हैं जोकि एक अपराध कहलाता है।

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