featured देश

छत्तीसगढ़ः राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत जागरूकता के संदेश को पीएम ने बताया पूरे देश के लिए मिसाल

modi 19 छत्तीसगढ़ः राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत जागरूकता के संदेश को पीएम ने बताया पूरे देश के लिए मिसाल

छत्तीसगढ़ः राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में स्थानीय त्यौहारों को पोषण से जोड़कर जो लोगों को जागरूकता का संदेश दिया जा रहा है।राज्य की इस पहल को पीएम मोदी ने सराहते हुए कहा कि ‘राष्ट्रीय पोषण अभियान’ के तहत छत्तीसगढ़ त्यौहारों में जो संदेश दे रहा है, वह पूरे देश के लिए एक मिसाल है।लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने जिस सोच से गणेशोत्सव प्रांरभ किया था उसी सोच के अनुरूप छत्तीसगढ़ में भी कमरछठ के माध्यम से बच्चों के पोषण का संदेश, रक्षाबंधन के माध्यम से पोषण रक्षा सूत्र अभियान पूरे देश के लिए एक मिसाल है।

 

modi 19 छत्तीसगढ़ः राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत जागरूकता के संदेश को पीएम ने बताया पूरे देश के लिए मिसाल
छत्तीसगढ़ः राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत जागरूकता के संदेश को पीएम ने बताया पूरे देश के लिए मिसाल

इसे भी पढ़ेः  पंजाबः राज्‍य में राष्ट्रीय पोषण योजना से मिली कई लाभार्थियों को कुपोषण से राहत

आपको बता दें कि मोदी आज वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पूरे देश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा, ए.एन.एम. और मितानिनों से चर्चा के दौरान उक्त बातें कहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ के रायपुर और राजनांदगांव जिले की आंगनबाड़ी कार्यकताओं, मितानिन और एन.एन.एम कार्यकर्ताओं से चर्चा कर पोषण अभियान के क्रियान्वयन, अनुभव और चुनौतियों पर चर्चा करते हुए उनके सुझाव भी लिए।

इसे भी पढेः  सियासत से क्यों दूर रहना चाहते थे राजीव गांधी ? कहानी ‘राजीव’ युग की

गौरतलब है कि रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड के खौनी ग्राम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता केजा चंद्राकर, ए.एन.एम. उर्मिला देवांगन और मितानिन देवकी यादव ने प्रधानमंत्री को बताया कि राष्ट्रीय पोषण अभियान के क्रियान्वयन हेतु उन्हें प्रदान किए गए स्मार्टफोन और उसमें कॉमन एप्लाइड एप्लिेकशन (कैश) से कुपोषण को कम करने में काफी मदद मिल रही है। चंद्राकर ने बताया कि पहले उन्हें आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्भवती माताओं और बच्चों की जानकारी से संबंधित 11 तरह की पंजियों को भरना पड़ता था। बच्चों का वजन लेकर कुपोषण का प्रतिशत और पोषण स्तर का ग्राफ बनाने में काफी कठिनाई होती थी परंतु स्मार्टफोन और कैश एप्लीकेशन के जरिए अब ये काम काफी आसानी से हो जाते है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा, ए.एन.एम. और मितानिन राष्ट्र निर्माण के अग्रणी सिपाही है-पीएम मोदी

बच्चों का वजन लेकर एप्लीकेशन में भरने से उनके पोषण का स्तर पता चल जाता है वही ऐप्लीकेशन यह भी बताता रहता है कि किस बच्चे के यहां कब गृह भेंट करने जाना है किस बच्चे को कब पोषण पुनर्वास केन्द्र भेजना है। पहले लोगों के घर जाकर मुंहजुबानी जानकारी लेते थे। पर अब मोबाइल लेकर जाते है और उसी में उन्हीं के सामने ही सभी जानकारी भर लेते है।पीएम मोदी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा, ए.एन.एम. और मितानिन राष्ट्र निर्माण के अग्रणी सिपाही है। मोदी ने रायपुर की आगंनबाड़ी कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद कहा कि आप सभी माताओं और बच्चों की सेहत और स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीकी का उपयोग कर डिजिटल इण्डिया अभियान को मजबूती प्रदान करने में जो अहम भूमिका निभा रही है, मैं आप सभी को नमन करता हूं।

महेश कुमार यदुवंशी

Related posts

14 अक्टूबर 2023 का राशिफल, जानें आज का पंचांग और राहुकाल

Rahul

वसीम रिजवी के विवादित बोल कहा, हिंदुस्तान की जमीन पर कलंक है बाबरी ढांचा

mahesh yadav

मानसरोवर यात्रा के पहले जत्थे को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रवाना किया

piyush shukla