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CBSE ने साइबर सुरक्षा निर्देश किए जारी, बच्चों को पोर्नग्राफी से कैसे रखें दूर..

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जब से कोरोना शुरू हुआ है तब से मोबाइल और इंटरनेट का प्रयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसे देखते हुए CBSE साइबर सुरक्षा ने निर्देश जारी करते हुए स्कूली बच्चो और उनके माता पिता को निर्देश जारी किए हैं।

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सोशल माडिया पर बच्चो के लगातार एक्टिव रहने को पोर्नग्राफी से दूर रहने की चेतावनी देकर बच्चों और उनके अविभावकों को मुसीबत से बचाना चाहता है।

सीबीएसई ने कक्षा नौ से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों के साथ एक साइबर सुरक्षा हैंडबुक साझा की है।

इस किताब में छात्रों के साथ ही अभिभावकों के लिये भी व्यापक दिशानिर्देश हैं, जिनमें क्या करना है और क्या नहीं समेत मामले की संवेदनशीलता को समझने के लिये गतिविधियां भी दी गई हैं। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “छात्रों को अपनी ऑनलाइन दोस्ती की सीमा तय करना सीखना होगा और साथ ही वास्तविक जीवन के मित्रों के साथ ऑनलाइन संवाद की सीमा भी तय करनी होगी।

वे लिखित शब्दों, तस्वीरों या वीडियो के तौर पर क्या साझा या विनिमय कर रहे हैं, इसकी एक सीमा होनी चाहिए। उन्हें यह बात जरूर याद रखनी चाहिए कि एक बार ऑनलाइन होने के बाद वे इसे नियंत्रित नहीं कर पाएंगे कि कौन इन्हें वास्तव में देखेगा। ऐसे में भरोसा तोड़ने, दुरुपयोग और उनकी प्रतिष्ठा के संभावित खतरे के नुकसान से बचे।

अधिकारी ने कहा, “किशोरों को लैंगिक संबंधों को समझने की जरूरत है। लड़कों को लड़कियों के साथ समान भाव व सम्मान के साथ बात करना सीखना चाहिए और उन्हें इंसानों के तौर पर समझे जाने की उनकी इच्छा का ख्याल किया जाना चाहिए, न कि उन्हें सम्मान या इच्छा वाली किसी वस्तु के तौर पर देखा जाना चाहिए।”

अधिकारी ने कहा, “संबंधों में सहमति का महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। विश्वास में साझा की गई तस्वीरों, वीडियो और अन्य सामग्री को बिना सामने वाले व्यक्ति की अनुमति के सिर्फ इसलिये सोशल मीडिया पर जारी नहीं किया जाना चाहिए कि वह व्यक्ति अब इस रिश्ते को जारी नहीं रखना चाहता। युवाओं को खारिज किये जाने की भावना से उबरना सीखना होगा क्योंकि यह जीवन का हिस्सा है न कि दुनिया का अंत।”

लॉकडाउन के दौरान शिक्षण गतिविधियों को पूरी तरह ऑनलाइन करने के कारण छात्रों का डिजिटल प्रदर्शन बढ़ गया है, हाल ही में “बोइस लॉकर रूम” विवाद से कई तरह की चीजें सामने आयी हैं।

सीबीएसई ने कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए स्कूलों के साथ एक साइबर सुरक्षा पुस्तिका साझा की है।

हैंडबुक में छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों के लिए भी दिशा-निर्देशों का विवरण दिया गया है, जो कि डू और नॉट को सूचीबद्ध करता है और मुद्दे की संवेदनशीलता को समझने के लिए बताता है।

बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, उन्हें याद रखना चाहिए कि एक बार ऑनलाइन होने के बाद, वे नियंत्रित नहीं कर सकते हैं कि वास्तव में कौन इसे देखेगा, विश्वास और दुरुपयोग को रोकने और संभावित जोखिम और उनके व्यक्ति और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएगा।

बोर्ड ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे बच्चों को यह तय करने का अधिकार दें कि किस तरह से दूसरो की जानकारी का किस तरह से ध्यान रखें।

भारत में सोशल नेटवर्किग साइट चलाने की कोई उम्र नहीं है। इसलिए बच्चे कम उम्र में ही बड़ी गलतियां कर जाते हैं। इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों पर ध्यान रखना होगा।

https://www.bharatkhabar.com/kota-district-declared-affected-by-locust-invasion/
बोइस लॉकर रूम ’ ग्रुप में जब से नाम दिल्ली के बड़े नाबिग बच्चों का आया है। तब से माता पिता काफी डरे हुए हैं। इसीलिए सीबीएसई बच्चों के साथ उनके माता पिता को भी सचेत कर रहा है।

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