कोरोना का कहर पूरे-देशभर में जारी है। इस बीच जून और जुलाई में देश के कुछ हिस्सों में टिड्डों का कहर देखने को मिलेगा। जिसको देखते हुए हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है।
आपको बता दें, पाकिस्तान के एक तिहाई से अधिक हिस्से में टिडि्डयां अंडे दे चुकी हैं। अगले माह के अंत तक पूर्वी अफ्रीका से करोड़ों टिडि्डयों के समूह भारत की तरफ आएंगे।
संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि एजेंसी ने भी इस बारे में चेतावनी जारी की है।
राजस्थान के किसानों ने पिछले वर्ष टिडि्डयों के कारण भारी नुकसान झेला था, लेकिन उन्होंने सरकारी और खुद के संसाधनों को साथ मिलाकर इसका मुकाबला किया और इससे निजात पा ली, लेकिन विशेषज्ञ इस बार बहुत व्यापक पैमाने पर टिड्डी हमले की आशंका जता रहे हैं।
टिडि्डयों के छोटे समूहों के हमले एक माह से चल रहे हैं और यहां चलने वाली आंधियों के कारण ये यहां से काफी आगे तक पहुंच चुकी हैं।
मौजूदा वक्त में टिड्डियों का हमला केन्या, सोमालिया, इथोपिया, दक्षिण ईरान और पाकिस्तान के कई हिस्सों में सबसे अधिक गंभीर है।
जून में ये केन्या से इथोपिया के साथ ही सूडान तथा संभवत: पश्चिम अफ्रीका तक फैलेंगी। ये अरब सागर को पार करके भारत तथा पाकिस्तान जाएंगी।
कोरोना से जूझ रहे राजस्थान के लोगों की आफत कम होने का नाम नहीं ले रही है।
इस बार जून-जुलाई में सीमा पार से टिडि्डयों का भीषण हमला होने के हालात बन रहे हैं। पाकिस्तान के एक तिहाई से अधिक हिस्से में टिडि्डयां अंडे दे चुकी हैं।
अगले माह के अंत तक पूर्वी अफ्रीका से करोड़ों टिडि्डयों के समूह भारत की तरफ आएंगे। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि एजेंसी ने भी इस बारे में चेतावनी जारी की है।
इसीलिए राजस्थान में जून-जुलाई के महीने में सीमा पार से टिडि्डयों का भीषण हमला होने के हालात बन रहे हैं।
पाकिस्तान के एक तिहाई से अधिक हिस्से में टिडि्डयां अंडे दे चुकी हैं। अगले माह के अंत तक पूर्वी अफ्रीका से करोड़ों टिडि्डयों के समूह भारत की तरफ आएंगे। जो सबसे ज्यादा तबाही राजस्थान के कोट जिला में मचा सकते हैं।
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संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि एजेंसी ने भी इस बारे में चेतावनी जारी की है। जिससे निबटने के लिए किसानों से कीटनाश का छिड़काव करने के आदेश दिए गये हैं। इन टिड्डियों को असर यूपी के साथ कई राज्यों में देखने को मिल सकता है।