CBSE की 12वीं की बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी गई है। फैसले के बाद से ही इसका असर मिला जुला दिख रहा है। कई लोगों इस फैसले का समर्थन करते नजर आए तो वहीं कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया। आपको बता दें कि परीक्षा रद्द होने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह फैसला बुधवार को लिया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को देशभर से मिली लोगों की महत्वपूर्ण राय के बाद यह फैसला लिया गया है।
बच्चों की भलाई के लिए लिया गया फैसला
एक तरफ जहां कोरोना के मामले देश में लगातार बढ़ रहे थे। तो वहीं तीसरी लहर में यह भी बताया जा रहा है कि आने वाली कोरोना की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ेगा । जिसके चलते प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा कि हमें बच्चों के भविष्य को देखते हुए परीक्षाओं को रद्द करना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर दिया लोगों को जवाब
परीक्षा रद्द करने के बाद से ही लगातार लोगों की प्रतिक्रियांए सामने आ रही थी। जिसमें लोग उनसे कई तरह के सवाल पूछ रहे थे। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लोगों को जवाब दिए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्वास्थ्य और छात्रों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.’ उन्होंने कहा कि यह साल छात्रों के लिए बहुत मुश्किल भरा रहा है। क्योंकि महामारी के कारण वह सारा समय अपने घरों मंे ही रहें हैं ।
प्रधानमंत्री ने शिक्षक के ट्वीट का दिया जवाब
हालांकि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अध्यापकों की भी सराहना की । उन्होंने एक शिक्षक के ट्वीट के जवाब में कहा कि बीते एक वर्ष के दौरान शिक्षकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
गौरतलब है कि जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा को रद्द करने का फैसला सुनाया । उसके बाद से ही गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सहित कुछ अन्य राज्यों ने भी अपने राज्य में बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित करने का ऐलान कर दिया। हालांकि अभी कुछ राज्यों ने कहा है कि वे इस मामले में जल्द ही कोई फैसला लेंगे।