बेंगलुरु: कर्नाटक में आचार संहिता लगने के बाद से लेकर अब तक चुनाव आयोग अपनी सख्ती से 28 करोड़ 43 लाख रुपए से ज्यादा की सामग्री और नगदी जब्त कर चुका है। यह सभी सामग्री राज्य में चुनाव आयोग द्वारा गठित उड़नदस्तों ने लगातार छापामार की कार्रवाई से प्राप्त की है। आयोग को अंदेशा है कि इस सामग्री और नगदी का उपयोग मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जाना था।
इस संबंध में मुख्य चुनाव आयुक्त संजीव कुमार ने बताया है कि दो हजार पांच सौ से अधिक आयोग ने अपने निगरानी दस्ते बनाए हैं, जो कि राज्य के सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर अपना फोकस किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के लिए निर्धारित की गई 28 लाख रुपए की खर्च सीमा से अधिक खर्च करने का दोषी यदि कोई उम्मीदवार इस चुनाव में पाया जाता है तो जीते हुए उम्मीदवार का निर्वाचन समाप्त किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि प्रत्येक उम्मीदवार के खर्च की अलग-अलग गणना आयोग की नजरों में हो रही है।
सीईओ संजीव कुमार का कहना यह भी था कि हम कोशिश कर रहे हैं कि मुख्यधारा से दूर लोग भी इस विधानसभा चुनाव में मुख्यधारा में आकर जुड़ें और अपने मत का उपयोग करें, इसके लिए चुनाव प्रक्रिया सरल बनाने के सारे प्रयास हम कर रहे हैं। कोशिश यही है कि ऐसे सभी लोगों को प्रेरित करते हुए मतदान केंद्र तक लाने में सफल हों। उन्होंने बताया कि आदिवासी, सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले मतदाताओं के साथ ही किन्नरों, सेक्स वर्करों को मतदान के लिए प्रेरित करने का प्रयास आयोग की तरफ से किया जा रहा है।
वहीं राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त सूचना के अनुसार अब तक 17 हजार पोस्टर समूचे कर्नाटक से हटाए गए हैं, जिसमें कि विभिन्न दलों के राज्य के विविध क्षेत्र में 12,537 दीवार लेखन, 17,693 पोस्टर, राजनीतिक घोषणाओं के 7, 949 पोस्टर, तथा सार्वजनिक स्थानों पर लगे 7,111 बैनर हटाने के साथ ही सार्वजनिक स्थानों को बेकार करने के 6 मामले अब तक आयोग द्वारा दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा निजी इमारतों पर भी लिखी हुई 6,866 राजनीतिक घोषणाएं और 2,543 बैनर अभी तक हटाने का काम आयोग के इन उड़नदस्तों द्वारा किया गया है। उड़नदस्ते जीपीएस प्रणाली से युक्त हैं, यदि कहीं से भी यह सूचना आती है कि आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है तो ऐसे में उस उड़नदस्ते की मदद करने तुरंत बिना किसी देरी के वहां अन्य दस्तों को पहुंचाए जा सकने की व्यवस्था अभी की गई है।
हिंदुस्थान समाचार