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जम्मू-कश्मीर के मामले अन्य राज्यों में स्थानांतरित हो सकते हैं

Supreme Court जम्मू-कश्मीर के मामले अन्य राज्यों में स्थानांतरित हो सकते हैं

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के न्याय के अधिकार का पालन करने के लिए जम्मू एवं कश्मीर की अदालतों में चल रहे मामले अन्य राज्यों में स्थानांतरित कर सकता है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि न्याय का अधिकार अनुच्छेद 21 का हिस्सा है, इसलिए सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 136 के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए जम्मू एवं कश्मीर के मामले अन्य राज्यों में स्थानांतरित कर सकता है।

Supreme Court

पीठ के सामने सवाल यह था कि सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 136 के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए राज्य के लिए मान्य रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) में जरूरी प्रावधानों के अभाव में मामले जम्मू एवं कश्मीर के बाहर हस्तांतरित कर सकता है या नहीं? इस सवाल के जवाब में शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मामले स्थानांतरित कर सकती है।

आरपीसी में सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 25 जैसे प्रावधान नहीं हैं, जो सर्वोच्च न्यायालय को एक राज्य से दूसरे राज्य में मामले स्थानांतरित करने का अधिकार देते है। इनमें ज्यादातर वैवाहिक विवाद के मामले शामिल हैं।

यहां तक कि अपराधिक मामलों में भी, शीर्ष न्यायालय ने स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय के आधार पर मामले एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित किए हैं।

(आईएएनएस)

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