Breaking News featured देश धर्म

विजया दशमी के दिन क्यों खेली हैं महिलाएं सिंदूर की होली

dussehra 5 विजया दशमी के दिन क्यों खेली हैं महिलाएं सिंदूर की होली

नई दिल्ली। नवरात्र की समाप्ति के बाद विजया दशमी के दिन माता की प्रतिमा के सामने महिलाएं सिंदूर से होली खेलती हैं। इसे पारंपरिक बंगाली समाज की ओर से खेला जाता है। इस खेल के जरिए ये महिलाएं माता को विदाई देती हैं। भोग प्रसाद के साथ सुहागिन महिलाओं की टोलियां मां से जुदाई के एस दर्द को सिंदूर खेला के उल्लास के जरिए खत्म करती हैं। इस दौरान भक्ति का ताल पर थाप के स्वरों में ये महिलाएं जमकर नृत्य करती हुई एक दूसरे पर सिंदूर लगाती हैं।

dussehra 5 विजया दशमी के दिन क्यों खेली हैं महिलाएं सिंदूर की होली

नए परिधानों में सजी-धजी बंगाली समुदाय की इन महिलाओं का उत्साह देखते बनता है। मां की विदाई की बेला के नजदीक आता देख भीगी पलकों और रूंधे गले से ये माता को विदा करती हैं। ये दिन सभी के लिए भारी होता है। इस दिन होने वाला सिंदूर खेला भाग्य के साथ सौभाग्य का भी प्रतीक होता है। अपने सुहाग के लिए माता की प्रतिमा के सामने अंतिम विदाई देते हुए ये महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। एक दूसरे के सुहाग की कामना करती हुई ये महिलाएं इस परम्परा को निभा रही हैं।

नौ दिनों पर मा दुर्गा की पूजा करते हुए रोज माता को महिलाएं सुहाग की लम्बी उम्र की कामना करते हुए सिंदूर समर्पित करती हैं। माता की भक्ति के रंग में रंगे इस पर्व में माता से अपना सौभाग्य मांगती हैं। जब से सिंदूर खेला शुरू होता हैं, तो ये महिलाएं एक दूसरे पर सिंदूर लगाती हुई इस रंग में रंग जाती हैं। जहां थाप के स्वरों के साथ धूप की खुशबू पूरे वातावरण में सुगंध भर देती है। वहीं सिंदूर खेला का रंग लोगों पर भक्ति का रंग और चढ़ा देता हैं।

Related posts

…तो इस वजह से गिनीज बुक में दर्ज होगा राहुल गांधी का नाम!

kumari ashu

पूछताछ में हुआ खुलासा: जाकिर नाइक को पैसे देता था दाऊद इब्राहिम

Pradeep sharma

8 मार्च 2022 का पंचांग: मंगलवार, जानें आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल

Neetu Rajbhar