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हमने कैग को बताया कि किस प्रकार मोदी सरकार ने देश को लगाया 41 हजार करोड़ का चूना: सुरजेवाला

rafele congress हमने कैग को बताया कि किस प्रकार मोदी सरकार ने देश को लगाया 41 हजार करोड़ का चूना: सुरजेवाला

नई दिल्ली। राफेल विमान सौदे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमलावर बनी हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बीते बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि से मांग की कि इस सौदे में कथित तौर पर हुए ‘घोटाले’ के संदर्भ में एक निश्चित समयसीमा के भीतर ‘विशेष एवं फोरेंसिक ऑडिट’ किया जाए ताकि जनता सच्चाई जान सके और सरकार की जिम्मेदारी तय हो सके। पार्टी नेताओं ने कैग को सौंपे ज्ञापन में कहा कि पूरे रिकॉर्ड की छानबीन करते हुए इसकी ऑडिट होनी चाहिए और मोदी सरकार इस संस्था के समक्ष पूरी जानकारी मुहैया कराने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है।

rafele congress हमने कैग को बताया कि किस प्रकार मोदी सरकार ने देश को लगाया 41 हजार करोड़ का चूना: सुरजेवाला

मोदी सरकार ने देश को 41 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया

बता दें कि कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि हमने कैग को बताया कि किस प्रकार से मोदी सरकार ने देश को 41 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया और किस तरह सरकारी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट छीनकर एक निजी कंपनी को दिया गया। हमने सारे तथ्य कैग के समक्ष रखे। कैग ने आश्चासन दिया कि वह संविधान और कानून के मुताबिक, राफेल मामलों के सभी कागज मंगाकर जांच कर रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट संसद के पटल पर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि जब कैग के सामने सभी फाइलें आ जाएंगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। 41 हजार करोड़ रुपये का घोटाला सामने आ जाएगा और रहस्य की सारी परतें खुल जाएंगी।

सरकार माफ के लायक नहीं है

वहीं ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा कि यह सरकार राष्ट्रीय हित एवं राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने की दोषी है जो माफ करने लायक नहीं है। जिस तरह से यह विमान सौदा किया गया, फिर चीजों को छिपाने की कोशिश हुई तथा झूठ बोले गए, उससे जनता के बीच चिंता पैदा हुई है। उसने कहा कि सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचने की बात बेनकाब हो चुकी है क्योंकि सरकार ने सच्चाई बताने और तथ्यों को सार्वजनिक पटल पर रखने से इनकार कर दिया है।

सरकार सारी सूचनाएं कैग को मुहैया कराने के लिए बाध्य है

राफेल विमान सौदे की पूरी पृष्ठभूमि और संबंधित विवरण को कैग के सामने रखते हुए कांग्रेस ने कहा, ‘‘कानून के मुताबिक सरकार सारी सूचनाएं कैग को मुहैया कराने के लिए बाध्य है। पूरा सौदा, इसका प्रारूप, कॉन्ट्रैक्ट का प्रकार और समान अवसर मुहैया कराने का सिद्धांत कैग के छानबीन करने एवं तथ्यों को रिपोर्ट करने के दायरे में होना चाहिए।’’उसने कहा, ‘‘इन सबके अलावा सरकार कैग की छानबीन में 36 लड़ाकू विमानों की कीमत का खुलासा करने को बाध्य है। सरकार को लोक लेखा समिति (पीएसी), मुख्य सतर्कता आयोग (सीवीसी) और रक्षा मामले की संसद की स्थाई समिति के समक्ष भी इसका खुलासा करना होगा।

इससे देश की सुरक्षा प्रणाली को खतरा पैदा हुआ है

कांग्रेस ने कहा, ‘‘तथ्यों से स्पष्ट है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को दरकिनार करके 30 हजार करोड़ रुपये का ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट और करीब एक लाख करोड़ रुपये का लाइफ साइकल कॉन्ट्रैक्ट उस प्राइवेट एन्टिटी को दिया गया जिसके पास विमान बनाने का कोई अनुभव नहीं है। इससे देश की सुरक्षा प्रणाली को खतरा पैदा हुआ है।’’ आगे कहा गया कि, ‘‘हम चाहते हैं कि कैग अपना संवैधानिक दायित्व निभाए और रिकॉर्ड की छानबीन करते हुए समयबद्ध तरीके से फोरेंसिक ऑडिट करें ताकि भारत की जनता को पूरी एवं पारदर्शी तरीके से सच्चाई के बारे में बताया जा सके और मोदी सरकार की जिम्मेदारी तय हो सके।

विवेक तन्खा ने कैग से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा

कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, राजीव शुक्ला और विवेक तन्खा ने कैग से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के शासनकाल में किए गए समझौते की तुलना में बहुत अधिक है जिससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया जिससे एचएएल से कॉन्ट्रैक्ट लेकर एक निजी समूह को कंपनी को दिया गया।

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