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कैबिनेट ने संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया

कैबिनेट ने संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया

कैबिनेट ने केंद्रीय रसायन और उर्वरक तथा संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया हैं। अनंत कुमार का सोमवार को बेंगलूरू मे देहांत हो गया था। कैबिनेट की विशेष बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया हैं की उनके जाने से राष्ट्र ने एक अनुभवी नेता खो दिया हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता मे आज कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में सरकार और समूचे राष्ट्र की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की गई।

 

कैबिनेट ने संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया
कैबिनेट ने संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया

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कैबिनेट ने दिवंगत नेता की स्मृति मे दो मिनट का मौन रखा और शोक प्रस्ताव पारित किया गया।शोक प्रस्ताव का मूल अंश का उल्लेख नीचे किया गया है।

शोक प्रस्ताव का अंशः

“श्री अनंत कुमार का जन्म 22 जुलाई 1959 को बेंगलूरू में हुआ। उन्होने कर्नाटक विश्वविद्यालय, हुबली से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक उपाधि और कर्नाटक विश्वविद्यालय के अंतर्गत जेएसएस लॉ कॉलेज से कानून में उपाधि प्राप्त की।अनंत कुमार ने विद्यार्थी कार्यकर्ता के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की। बाद में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और पार्टी की कर्नाटक शाखा के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्ररी बने।इसके बाद में वे कर्नाटक में पार्टी के अध्यक्ष बने। उनके कुशल प्रबंधन से कर्नाटक राज्य में भारतीय जनता पार्टी का विस्तार हुआ और पार्टी ने आखिरी में स्वयं की बदौलत सरकार बनाई। वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव थे और पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य सचिव थे।

 

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कुमार ने लोकसभा सीट का जीवन के अंतिम दिन तक छह बार प्रतिनिधित्व किया

कुमार 1996 में बेंगलूरू साउथ से पहली बार लोक सभा के लिये चुने गये थे। 1998 में जब वे दूसरी बार सांसद बने तो वाजपेयी कैबिनेट में उन्हें सबसे युवा मंत्री बनाया गया और नागर विमानन विभाग दिया गया। मंत्री ने लोकसभा की प्रतिष्ठित बेंगलूरू साउथ सीट से जीवन के अंतिम दिन तक छह बार प्रतिनिधित्व किया।अपने लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने पर्यटन मंत्री, संस्कृति, युवा मामले और खेल, शहरी विकास और गरीबी उपशमन, एवं ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में काम किया। कुमार कई संसदीय समितियों के अध्यक्ष और सदस्य भी रहे।

महेश कुमार यादव

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