ई-स्कूटरों की तरफ लोगों का आकर्षण बढ़ने से साल 2025 तक इनकी कीमतों में 45,000 रुपये तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसकी भरपाई ई-वाहन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम से की जा सकती है।
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महंगाई और कच्चे तेल में तेजी के बाद अब इलेक्ट्रिक स्कूटर भी झटका देने की तैयारी में हैं। आने वाले तीन साल में इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमतें 45,000 रुपये तक बढ़ सकती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पर्यावरण को बचाने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ने के कारण ई-वाहनों की मांग बढ़ रही है। सबसे ज्यादा ई-स्कूटरों की मांग में तेजी देखी जा रही है।
ई-वाहनों के प्रति लोगों का लगातार बढ़ रहा है आकर्षण
ई-वाहनों के प्रति लोगों के बढ़ते आकर्षण की वजह से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन कंपनियों के टर्नओवर में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है। जॉय ई-बाइक नाम से ई-दोपहिया वाहन बनाने वाली वार्डविजार्ड ने देश में मांग में बढ़ोतरी के दम पर फरवरी 2022 में 4450 ई-बाइक बेच चुकी है। यह फरवरी 2021 की तुलना में 1290 फीसदी ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष में कंपनी ने 25000 यूनिट की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया।
लगातार हो रही बिक्री
एक अन्य कंपनी हीरो इलेक्ट्रिक भारत में पहला लिथियम आयन बेस्ड ई-स्कूटर्स विकसित किया और लॉन्च किया है। कंपनी अभी तक 4.5 लाख इलेक्ट्रिक दोपिहया वाहन बेच चुकी है। वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में हाई-स्पीड और लो- स्पीड सहित इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की कुल सेल्स में 132 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ वित्त वर्षों में ईवी की बिक्री पर सब्सिडी वित्त वर्ष 2017 के कम आधार प्रभाव की तुलना में और महामारी के बावजूद तेजी से बढ़ी है। फेम इंसेंटिव के कारण 2021-22 और 2022-23 में ICE वैरिएंट्स के मुकाबले इलेक्ट्रिक स्कूटरों की कुल अधिग्रहण लागत 7,500-9,500 रुपये कम पडेगी। इसे देखते हुए अगले कुछ साल में बिक्री बढ़ने का अनुमान है, जिससे FAME-2 सब्सिडी वित्त वर्ष 2023 में बढ़ सकती है।