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नितिन गडकरी का बयान: जैव ईंधनों से पेट्रोलियम आयात में की जा सकती है ये कमी

nitin gadkari नितिन गडकरी का बयान: जैव ईंधनों से पेट्रोलियम आयात में की जा सकती है ये कमी

मुंबई। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि जैव ईंधन के उपयोग से कच्चे तेल के आयात को कम किया जा सकता है जो विदेशी को बचाने में मदद करेगा।

एक ओर विनिमय 2025 तक USD 5-ट्रिलियन जीडीपी लक्ष्य को भी प्राप्त करता है। गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने इथेनॉल और बुटानॉल जैसे जैव-ईंधन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जो न केवल व्यवहार्य हैं, बल्कि राष्ट्र के लिए वांछनीय भी हैं क्योंकि यह भी कम करने में मदद करेगा। हर साल हम तेल आयात पर लगभग 7 लाख करोड़ रुपये खर्च करते हैं। इस परिदृश्य में अगर हमारे पास वैकल्पिक ईधन जैसे इथेनॉल और ब्यूटेनॉल हैं जो कारों और विमानों में इस्तेमाल किए जा सकते हैं, तो हमें उन विकल्पों का पता क्यों नहीं लगाना चाहिए। वे न सिर्फ सस्ते हैं, बल्कि प्रदूषण-मुक्त भी हैं।

उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र 40,000 करोड़ रुपये के ईंधन का आयात करता है और अगर वे जैव-ईंधन का पता लगाते हैं, तो इससे घरेलू खिलाड़ियों के लिए 40,000 करोड़ रुपये का बाजार खुलता है। विमानन जैव ईंधन व्यापक रूप से अमेरिका और ब्रिटेन में स्वीकार किए जाते हैं। अगर हम इसका इस्तेमाल करते हैं, तो हम बहुत सारे विदेशी मुद्रा बचाएंगे। गडकरी ने कहा, कोयला आयात को कम करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, हम नैपीयर घास का उपयोग करने की व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहे हैं जिसका कोयले के बजाय उच्च कैलोरी मूल्य है। मुझे दृढ़ता से लगता है कि यदि हम इन उपायों को करते हैं, तो हम अपने USD 5-ट्रिलियन GDP लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

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