मेरठ। मेरठ में भाजपा को लगातार झटके पर झटके लग रहे हैं। जनसभाओं में अपेक्षित भीड़ नहीं जुटने से भाजपा आलाकमान चिंतित है। इसी कारण छह जनवरी की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा को सफल बनाने के लिए सभी दिग्गज भाजपाईयों को लक्ष्य दिया गया है। अगर मुख्यमंत्री की यह जनसभा भी फीकी रही तो महानगर और जिला संगठन इकाईयों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
वहीं दो फरवरी 2014 को मेरठ में रैली में उमड़े हुजूम ने उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को गदगद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनावों में चली भाजपा की बयार ने बसपा, बसपा, कांग्रेस सभी के तंबू-कनात उड़ा दिए। यह सिलसिला 2017 के यूपी विधानसभा में भी जारी रहा और प्रदेश में भाजपा की आंधी चली। इसके बाद से ही भाजपा संगठन अंतर्कलह का शिकार हो रहा है। इसका सीधा असर दिग्गजों की जनसभाओं में भी दिखाई दे रहा है।
जनसभाओं में गायब होते जा रहे लोग
बता दें कि विधानसभा चुनावों से पहले 10 नवम्बर 2016 की परिवर्तन रैली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पहुंचना था, लेकिन अपेक्षित भीड़ नहीं जुटने के कारण गृहमंत्री कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। वहां पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने बाहर से आए युवाओं की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद 28 नवम्बर 2016 को युवा सम्मेलन में भी भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत पाठक के सामने युवा नहीं जुट पाए। इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष चुनावों में भाजपा के दिग्गजों ने आमने-सामने चुनाव लड़ा। सरधना विधायक संगीत सोम ने विपक्षी उम्मीदवार सपना हुड्डा को चुनाव लड़ाया तो सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कुलविंदर सिंह को चुनाव लड़ा। बमुश्किल कुलविंदर सिंह अध्यक्ष का चुनाव जीत पाए।
साथ ही मुख्यमंत्री बनने के बाद आठ मई को योगी आदित्यनाथ का मेरठ दौरा पार्टी संगठन की भेंट चढ़ गया। दलित बस्ती के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाए गए तो सांसद राजेंद्र अग्रवाल समेत तमाम दिग्गजों को लखनऊ तलब कर लिया गया। नगर निकाय चुनावों में 18 नवम्बर 2017 को महापौर पद की पार्टी प्रत्याशी कांता कर्दम के समर्थन में मुख्यमंत्री की दिल्ली रोड स्थित रामलीला मैदान में जनसभा हुई। जनसभा में लोग नहीं जुटने के कारण मुख्यमंत्री को शर्मसार होना पड़ा। पार्टी अंतर्कलह के कारण कांता कर्दम को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 28 दिसम्बर 2017 मुख्यमंत्री के आने का कार्यक्रम टल गया।
वहीं छह जनवरी को मुख्यमंत्री मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल के क्षमता विस्तार कार्यक्रम का उद्घाटन करने आ रहे हैं। महानगर और जिला संगठन की हालत खस्ता देखकर गन्ना मंत्री सुरेश राणा को रैली का जिम्मा सौंपा गया है। प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना को देखते हुए भाजपा नेता खुद भी तैयारियों में जुटे हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से दस हजार लोगों को रैली में लाने का लक्ष्य दिया गया है। मेरठ दक्षिण विधानसभा में रैली स्थल होने के कारण विधायक डाॅ. सोमेंद्र तोमर पूरी शिद्दत से जुटे हैं। किठौर विधायक सत्यवीर त्यागी और सिवालखास विधायक जितेंद्र सतवाई भी तैयारी में लगे हैं।