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2019 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी का मास्टर प्लान, मंदिरों की होगी अहम भूमिका

BJP 2019 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी का मास्टर प्लान, मंदिरों की होगी अहम भूमिका

नई दिल्ली।  2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए जहां कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष एक हो गया है तो वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने भी चुनाव के लिए अपनी कमर कस ली है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत के बाद अब एक बार फिर बीजेपी हिंदू वोट को अपनी ओर करने में जुट गई है और जिसकी शुरूआत बीजेपी ने यूपी के सभी छोटे-बड़े मंदिरों मठों और आश्रमों से करने की योजना बनाई है। जिसके लिए इन सभी जगहों की लिस्ट भी निकाल ली गई है। इसके साथ ही बीजेपी ने अनुसूचित जाति और ओबीसी के तहत आने वाली जाति के लोगों को रिझाने की भी कोशिश की है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी इसके जरिेए धार्मिक स्थल के मुखिया से संपर्क करेगी और फिर उनके अनुयायियों तक पहुंचेगी।

2019 के लिए बीजेपी का मास्टर प्लान
2019 के लिए बीजेपी का मास्टर प्लान

बीजेपी का मास्टर प्लान

एक न्यूज चैनल की माने तो बीजेपी ने एक फॉर्म तैयार की है और उसे 1.4 लाख बूथ इंचार्ज को दिया गया है। इस फॉर्म में धार्मिक स्थल का नाम, स्थान, प्रसिद्ध पुजारी और उनके मोबाइल नंबर भरने हैं। इसका उद्देश्य इन पुजारियों के जरिए मंदिर या मठों से जुड़े लोगों तक पहुंचने की है इसके अलावा बीजेपी ने बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से अनुसूचित जाति और ओबीसी जाति के वोटरों की लिस्ट तैयार करने को कहा है। साथ ही ये भी जिम्मेदारी दी गई है कि हर बूथ पर एससी और ओबीसी जाति के कम से कम दो पुरुष और दो महिला को पार्टी से जोड़ा जाए।

इसके अलावा पार्टी हर बूथ पर उन लोगों की लिस्ट तैयार कर रही है, जो वोटिंग को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। ऐसे लोगों के मोबाइल नंबर जुटाए जा रहे हैं। यूपी में करीब 1.6 लाख पोलिंग बूथ हैं। पार्टी की कोशिश है कि हर बूथ पर कमसे कम 21 सदस्य हों। बूथ लेवल पर पार्टी एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष, महासचिव नियुक्त कर रही है। यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष जेपी राठौर ने इस मामले में बात करते हुए कहा कि बूथ सेक्शन कमिटी की बैठक 16 अगस्त से 25 अगस्त के बीच आयोजित की जाएगी। बूथ मैनेजमेंट कमिटी 29 लाख कार्यकर्ता की एक समर्पित टीम बनाएगी। 11 लाख लगभग ब्लॉक और जिला स्तर पर कार्यकर्ता लगाए जाएंगे ताकि पूरे प्रेदश में 40 लाख वर्कर्स की भर्ती के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।

उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सीटें

पार्टी ने हर बूथ को एक अलग कोड में बांटा है। जो निर्वाचन क्षेत्र या बूथ पार्टी के फेवर वाला होगा उसे ‘ए’ कोड में रखा जाएगा। जहां पर पार्टी के 60-40 चांस होगा उसे ‘बी’ और जो इलाका अल्पसंख्यक बाहुल्य होगा उसे ‘सी’ श्रेणी में रखा जाएगा। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। बात करें पिछले लोकसभा चुनाव की तो बीजेपी ने यूपी में गठबंधन के साथ 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि उसके बाद हुए उपचुनावों में बीजेपी ने तीन लोकसभा सीटें गंवा दी हैं।

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