नई दिल्ली। देश में कृषि कानून दिनों दिन उग्र होता जा रहा है। आए दिन किसानों द्वारा कृषि कानूनों के विरोध में तरह-तरह के बयान आते रहते हैं। जिसके बाद सरकार की परेशानी बढ़ती हुई दिखाई देती है। सरकार और किसानों के बीच हुई 8 दौर की वार्ता में जब कोई समाधान नहीं निकल पाया तो सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटाकार लगाते हुए फिलहाल के लिए कृषि कानूनों पर रोक लगा दी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। जिसमें अशोक गुलाटी, कृषि विशेषज्ञ डाॅ. प्रमोद कुमार जोशी, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान और शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट शामिल हैं। लेकिन इसी बीच बड़ी खबर सामने आ रही है कि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से अलग कर लिया है।
भूपिन्दर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया-
बता दें कि 81 वर्षीय भूपिन्दर सिंह मान का सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित पैनल में नाम शामिल किए जाने के बाद किसान संगठनों में भी विवाद हो गया था। जिसके चलते एक बयान जारी कर मान ने कहा कि केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए तीन कृषि कानूनों पर किसान संगठनों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की तरफ से मुझे नॉमिनेट करने के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।
किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं कर सकता हूं- भूपिंदर सिंह
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि खुद को एक किसान और संगठन नेता के तौर पर किसान संगठनों और आम लोगों में धारणाओं को देखते हुए मैं अपने उस ऑफर को त्याग करने को तैयार हूं जो मुझे दिया गया है। क्योंकि पंजाब और देश के किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं कर सकता हूं। मैं पैनल से अपने आपको हटाता हूं और हमेशा किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा।