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पूर्वांचल का बाहुबली परिवार होगा साइकिल पर सवार!

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लखनऊ। यूपी (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, बस इसका औपचारिक ऐलान होना रह गया है। इस बीच सभी राजनीतिक दल सत्ता में आने के लिए जोड़तोड़ की राजनीति के साथ गिले-शिकवे दूर कर एकदूसरे के साथ आने को भी तैयार हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी के साथ पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाला एक बाहुबली परिवार आने की तैयारी कर चुका है। सूत्रों का दावा है कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बाहुबली परिवार के बीच पूरी बातचीत हो चुकी है। चुनाव के ठीक पहले वो साइकिल की सवारी कर सकते हैं।
पूर्वांचल (Purvanchal) में आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया, बनारस, जौनपुर, चंदौली समेत कई जिलों में इस बाहुबली परिवार की अच्छी पकड़ है। वहीं दूसरी ओर यह परिवार योगी (Yogi Adityanath) सरकार के निशाने पर भी है। ऐसे में सत्ता की आस में यह परिवार एक बार फिर साइकिल की सवारी कर सकता है। इस बाहुबली परिवार का राजनीतिक इतिहास भी काफी पुराना है।
परिवार के तीन लोगों के साथ समर्थकों को टिकट देने पर बनी बात
सूत्रों का दावा है कि इस बाहुबली परिवार के तीन लोगों को समाजवादी पार्टी टिकट देने पर सहमति दे चुकी है। जिसमें दो बाहुबली भाईयों के साथ एक टिकट बेटे को दिए जाने की तैयारी है। वहीं इनके अलावा करीब पांच समर्थकों को भी विभिन्न जिलों से टिकट देने की तैयारी है। अगर ऐसा होता है तो समाजवादी पार्टी को बड़ा फायदा मिल सकता है।
2017 में भी तय होने के बाद बिगड़ गया था खेल
साल 2017 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भी यह परिवार सपा (SP) में शामिल होने को तैयार था। पूरी बात हो भी गई थी। ऐलान भी हो गया था लेकिन ऐन वक्त पर अखिलेश यादव ने मना कर दिया था। गौरतलब है कि अपनी सपा को बाहुबलियों की पार्टी की छवि से मुक्त कराने के लिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दागी नेताओं से दूरी बनाई थी। अखिलेश की इसी रणनीति के कारण यह परिवार भी सपा में शामिल होने के बाद बाहर हो गया था। जिसके बाद एक बड़े राजनीतिक दल ने साथ दिया था।
पूर्वांचल की करीब 50 सीटों पर निर्णायक हो सकता है यह बाहुबली परिवार
एक दौर ऐसा भी हुआ करता था कि यूपी में इस परिवार की तूती बोलती थी। खासकर पूर्वांचल में अपने बाहुबल के दम पर इस परिवार ने अच्छी राजनीतिक पकड़ बना ली है। हालांकि सत्ता से दूर होने और योगी सरकार के निशाने पर होने के बाद भी यह इस परिवार की पूर्वांचल की कम से कम 50 सीटों पर निर्णायक पकड़ है। अगर यह परिवार सपा के साथ आता है तो पूर्वांचल में अखिलेश यादव का समीकरण और मजबूत हो जाएगा।
लोकसभा व पंचायत चुनाव में दिखाई ताकत
2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) इस बाहुबली परिवार की लोकप्रियता और ताकत देखने को मिली थी। पूर्वांचल में महागठबंधन को मिली सफलता के पीछे इस परिवार की मुख्य भूमिका थी। इसके बाद हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में भी इस परिवार का दबदबा देखने को मिला था। पूर्वांचल के कई जिलों में इस परिवार के समर्थन से दर्जनों लोगों को जीत मिली है।
जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख चुनाव में सपा के लिए बिछा रहे गोटियां
सूत्रों ने बताया कि यह बाहुबली परिवार भले ही सपा में शामिल नहीं हुआ है लेकिन अपने प्रभाव वाले जिलों में पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव में पार्टी के लिए समर्थन बटोरता दे रहा है। इतना ही नहीं प्रधान संघों के चुनाव में भी इस परिवार ने सपा के समर्थन में सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है।

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