भारत खबर || नई दिल्ली
बद्रीनाथ धाम Badrinath Dham में #तप्तकुंड में स्नान करने की बहुत मान्यता है प्राचीन समय से ही चारों धामों की यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालु इस तप्तकुंड मैं स्नानजरूर करते हैं। बताते चलें कि इस तप्तकुंड का जल सभी मौसम में गर्म रहता था। यहां पर आने वाले श्रद्धालु अधिकांश मात्रा में इस तप्तकुंड में स्नान करते थे। इस तप्तकुंड में स्नान करने का विशेष महत्व है। श्रद्धालुओं का कहना है कि Badrinath Dham के इस तप्त कुंड में स्नान करने से शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है व स्वास्थ्य ठीक हो जाता है। बताते चलें कि एक चमत्कार माना जाता है इस कुंड में पानी अपने आप ही गर्म रहता है।इसीलिए इस कुंड का नाम तप्तकुंड रखा गया। बद्रीनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु पहले इस कुंड में स्नान करते हैं तत्पश्चात बद्रीनाथ दर्शन को जाते हैं।
लेकिन इसका कुंड को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताते चलें कि इतिहास में पहली बार Badrinath Dham का #तप्तकुंड का पानी सूख चुका है। जिसे देखकर श्रद्धालुओं में काफी हलचल मच गई है व सभी श्रद्धालु काफी हैरान हैं। इस जल का आना और अपने आप गर्म होना बहुत बड़ा चमत्कार माना जाता है।
सूत्रों के मुताबिक चला है कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते इस कुंड के मूल स्त्रोत को बंद कर दिया गया था। जिसकी वजह से इस कुंड में जल आना बंद हो गया है। और यह तप्तकुंड सूख गया। बद्रीनाथ मंदिर समिति का कहना है कि कोरोना संक्रमण के खतरों को ध्यान में रखते हुए इस #तप्तकुंड के जल को रोका गया। अन्यथा यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है और सभी इस तप्तकुंड में स्नान अवश्य करते हैं ।
मंदिर समिति के कथन के अनुसार अनुसार अब जल की निकासी तप्तकुंड के बाहर से सीधे अलकनंदा में की जा रही है। अब कुछ समय के बाद कोरोना संक्रमण बीमारी के नियमों को ध्यान में रखते हुए बद्रीनाथ धाम Badrinath Dham यात्रा शुरू होने वाली है। इसलिए इस तप्तकुंड के जल को सुखा दिया गया है वह अलकनंदा में इस तप्तकुंड जल की निकासी कर दी गई है।