नई दिल्ली। देश में आए दिन किसी न किसी हिस्से से महिलाओं के साथ बहला-फुसलाकर घिनोनी घटनाएं सामने आती रहती हैं। जिसके कारण युवतियों को शर्मिंदगी महसूस होती है और वो अपन जाने देने जैसी खतरनाक घटना को अंजाम दे देती है। आजकल आए दिन किसी न किसी राज्य से लव जिहाद जैसी घटनाएं घटती रहती रहती हैं। जिसके चलते उत्तर प्रदेश में लव जिहाद कानून पास हो गया है। इसके साथ ही अब मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद कानून पास हो गया है। इसी बीच मध्य प्रदेश में लेव जेहाद कानून के अध्यादेश के लिए शिवराज कैबिनेट की स्पेशल बैठक मंगलवार को बुलाने पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए और जमकर बीजेपी शासित राज्यों की सरकार को खरी-खोटी सुनाई।
संविधान में लव-जेहाद की कोई परिभाषा नहीं- ओवैसी
बता दें कि ओवैसी मंगलवार को लव जेहाद कानून को लेकर बरसते हुए कहा कि संविधान में लव-जेहाद की कोई परिभाषा नहीं है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा- संविधान में कहीं भी लव-जेहाद कानून की काई परिभाषा नहीं है। बीजेपी शासित राज्य लव जेहाद कानूनों के जरिए संविधान का मजाक बना रहे हैं। अगर बीजेपी शासित राज्य कानून बनाना चाहते हैं तो उन्हें एमसीपी पर कानून बनाना चाहिए और रोजगार देना चाहिए। इसके साथ ही लव जेहाद पर एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा- कोर्ट ने इस बार पर जोर देते हुए दोहराया कि भारतीय संविधान में आर्टिकल 21, 14, और 25 के अंतर्गत देश के किसी भी नागरिक के व्यक्तिगत जीवन में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। बीजेपी साफतौर पर संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने में संलिप्त है।
मध्य प्रदेश में लागू हुए कानून में ये प्रावधान-
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में धमकी देकर, डराकर या मजबूर करके धर्म परिवर्तन मामले में 5 साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही इस मामले में 25 हजार रुपये का जुर्माना भी है। मध्य प्रदेश में किसी नाबालिग या अनुसुचित जाति के साथ लव जिहाद का मामला आता है तो ऐसे में आरोपी को 10 साल की सजा का प्रावधान है साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड। मध्य प्रदेश में सामूहिक तौर पर विधि विरुद्ध लव जिहाद मामले में 10 साल की जेल समेत 1 लाख रुपये का जुर्माना है।