नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच टकराव एक बार फिर शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री समेत अरविंद केजरीवाल उप राज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर में धरने पर धरने पर बैठ गए हैं। बता दें कि आज धरने का दूसरा दिन है। केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय धरने पर हैं।
मोदी जैसे राक्षस को खड़ा करने वाले अरविंद केजरीवाल के साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं’- कांग्रेस
ड़ाके की सर्दी में सड़क पर सोए थे केजरीवाल
आपको बता दें कि 2014 में भी केजरीवाल अपने मंत्रियों की अनसुनी करने वाले दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को निलंबित करने की मांग को लेकर समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे। उस समय केजरीवाल कड़ाके की सर्दी में सड़क पर सोए थे। और ये धरना दो दिन तक चला था जिसे दो पुलिसकर्मियों को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद ही धरना खत्म हुआ था।
आईएएस अधिकारियों को काम पर लौटने का निर्देश
इस बार केजरीवाल सरकार की मांग है कि हड़ताल पर गए आईएएस अधिकारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया जाए। वहीं उप राज्यपाल ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार ने हड़ताल पर गए अधिकारियों के साथ मतभेदों को हल करने का कोई प्रयास नहीं किया है।
डोर स्टेप डिलीवरी
उप राज्यपाल के बयान के जवाब में दिल्ली सरकार की ओर से एक और पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में ब्यूरोक्रेसी के साथ मतभेदों को निपटाने के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र किया गया है। सोमवार को केजरीवाल ने उप-राज्यपाल से मांग की थी कि दिल्ली में हड़ताल पर गए आईएएस अधिकारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया जाए और चार महीनों से कामकाज रोक कर रखे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए । इसके अलावा राशन की डोर स्टेप डिलीवरी की योजना को मंजूरी मिले।
बता दें कि हाल ही में दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के प्रोजेक्ट पर भी सीएम केजरीवाल ने उप राज्यपाल के दफ्तर तक पैदल मार्च किया और इसके बाद वहीं पर धरना दे दिया था। सीएम केजरीवाल के साथ तमाम मंत्री और विधायक भी धरने पर बैठ गए थे। हालांकि करीब 3 घंटे बाद केजरीवाल समेत तमाम मंत्रियों ने एलजी से मुलाकात किए बगैर ही धरना खत्म कर दिया था।