दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने इस बार न्यायपालिका में पिछले कुछ समय से चल रही उछल-पुछल को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री न्यायपालिका के साथ वैसा ही बर्ताव कर रहे हैं जैसा वो दिल्ली सरकार के साथ करते हैं।
दरअसल पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार पर न्यायपालिका के कार्यों में दखल-अंदाजी करने का आरोप लगा रहा है और हाल फिलहाल में जो मुद्दा चल रहा है वो सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर है। उत्तराखंड में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में जज नहीं बनाए जाने को लेकर विवाद चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने इस साल 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा और उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने के लिए सिफारिश की थी। कॉलेजियम की सिफारिश पर जब कानून मंत्रालय ने कोई पहल नहीं की तब फिर से कॉलेजियम ने फरवरी के पहले हफ्ते में कानून मंत्रालय को लिखा। इसके बाद कानून मंत्रालय ने प्रक्रिया शुरू की और सिर्फ इंदु मल्होत्रा की फाइल की आईबी जांच पूरी करवाई। केंद्र ने कॉलेजियम को जस्टिस जोसेफ के नाम पर दोबारा विचार करने का अनुरोध करते हुए फाइल फिर से सुप्रीम कोर्ट भेज दी।
गौरतलब है कि यह वही जस्टिस जोसेफ हैं जिन्होंने सन 2016 में उत्तराखंड में केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाने की बात मानने से मना कर दिया था। जज जोसेफ के इस फैसले से केंद्र का काफी नुकसान हुआ था। फिलहाल सीजेआई ने इंदु मल्होत्रा को तो शपथ दिला दी है लेंकिन बार एसोसिएशन की नाराजगी अभी तक खत्म नहीं हुई है। इससे पहले जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज ना बनाए जाने पर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने भी बीजेपी पर निशाना साधा था।