डोकलाम विवाद पर शांतिपूर्ण तरीके से हल निकालना भारत के लिए काफी बड़ी जीत मानी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसे भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। माना जा रहा है कि चीन जिस क्षेत्र में पर अपनी दादागिरी दिखाने में लगा हुआ था उस क्षेत्र में भारत की तरफ से चीन का करारा जवाब दिया जा सकता था। कहा जा रहा है कि कूटनीतिक जीत में भारतीय सेना का काफी महत्वपूर्ण किरदार है।
चीन लगातार अपनी दादागिरी दिखाने में लगा हुआ था। लेकिन भारत की तरफ से बॉर्डर पर अपनी स्थिति का काफी मजबूत कर लिया गया था और जिस क्षेत्र में चीन अपनी मूवमेंट कर रहा था वह भारत के मुकाबले काफी कमजोर थी। खबर यह भी सामने आई है कि सेना की तरफ से पीएम को यह भरोसा दिया गया था कि चीन को जवाब देने के लिए सेना पूरी तरह से तैयार है। सूत्रों के हवाले से खबर यह आई कि सेना प्रमुख बिपिन रावत की तरफ से पीएम मोदी को आश्वासन दिया गया था कि सेना सभी परिस्थितियों को संभालने के लिए तैयार है।
जानकारी अनुसार जिस क्षेत्र को चीन अपना बताने में लगा हुआ था वह भुटान की है। जून महीने में भूटान की तरफ से कहा गया था कि चीन ने सिक्किम के पास के इलाकों में बॉर्डर को फांदने क्रॉस करने की कोशिश की है। चीन इस इलाके में सड़क निर्माण कर रहा था। भारत की तरफ से चीन द्वारा सड़क निर्माण करने पर एतराज जताया गया था। भारत ने इसे पूर्वोत्तर राज्यों की सुरक्षा के लिए संकट माना था। आपको बता दें कि आपको बता दें कि लंबे वक्त से डोकलाम को लेकर गतिरोध जारी था। गतिरोध के चलते दोनों देशों की सेना आमने-सामने थीं। लगातार चीन डोकलाम को लेकर भारत पर घुड़की दे रहा था। डोकलाम को चीन अपना हिस्सा बता रहा था। लेकिन भारत ने डोकलाम से सेनाएं हटाने से साफ इनकार कर दिया था। लेकिन 2 महीने से ज्यादा चले गतिरोध के बाद आखिरकार चीन पर भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत हुई है। चीन अब डोकलाम से सेनाएं हटाने को राजी हो गया है