लखनऊ। भाईयों! ये यूपी है। एक तरफ जहां पुलिस का एक छोटा सा नुमाइंदा एक गरीब रिक्शा चालक को सरेआम पीटता और घसीटता है वहीं यूपी का मुखिया एक दूसरे रिक्शा चालक के प्रति इतना संवेदनशील हो जाता है कि आप भी जानकर यकीन नहीं करेंगे।
जी हां! मुफलिसी में जी रहे रिक्शा चालक मनीराम की गुरुवार को अचानक सीएम अखिलेश से मुलाकात हो गई। मनीराम को यकीन नहीं हो रहा था कि वह सीएम के इतना करीब है। शायद उसने कभी सपने में नहीं सोचा होगा।
‘ई साहब लई कै आएं हैं’
दरअसल, मोबाइल बैंकिंग के क्षेत्र में ‘पेटीएम’ का अभिनव प्रयोग करने वाले विजय शेखर शर्मा गुरुवार शाम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने उनके सरकारी आवास जा रहे थे। इस दौरान जाम ने उनका रास्ता रोक लिया। उन्होंने अपनी कार से उतरकर एक रिक्शा पकड़ा और सीधे पांच कालिदास मार्ग पहुंच गए। इसी दौरान सीएम अखिलेश बाहर आ गए और उन्होंने रिक्शा चालक को देखकर सवाल किया कहां आ गए हो? वह घबराकर क्षेत्रीय भाषा में बोला-‘ई साहब लई कै आएं हैं।’ सीएम हंस पड़ें और उसके करीब पहुंच गए। सीएम ने रिक्शा चालक से उनका नाम पूछा तो उसने अपना नाम ‘मनीराम’ बताया और कहा कि मैं आपका पड़ोसी हूं, यहीं कालिदास मार्ग पर ही रात को मैं रहता हूं और रिक्शे पर ही सोता हूं।
बात सुन हंस पड़े सीएम
मनीराम की बाते सुन हंस पड़े सीएम अखिलेश कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के जंगलाट गांव के निवासी व अनुसूचित जाति के मनीराम की इस बात से सीएम अखिलेश खूब ठहाका लगाकर हंसे मनीराम के रिक्शे पर बैठकर आए शेखर शर्मा ने भी हंस पड़ें। मनीराम ने बताया कि उसके पांच बच्चे हैं। उसने 40 रुपये प्रतिदिन के किराये पर उसने रिक्शा ले रखा है। डरा सहमा मनीराम बिना पैसे लिए ही अपने रिक्शे पर चढ़कर वापस जाने लगा तब मुख्यमंत्री ने उसे रोका और सचिव प्रांजल यादव को उसके लिए निर्देशित किया।
दिवाली पर सीएम ने दी सौगात
मुख्यमंत्री ने सचिव प्रांजल यादव को उसे नया ई रिक्शा दिलाने और उसके बच्चों का स्कूल में दाखिला कराने व लोहिया आवास आवंटिक करने का निर्देश भी दिया। दीवाली से पहले मनीराम ने सीएम अखिलेश से इतना बड़ा तोहफा पाकर कहा ‘लक्ष्मी जी सदा सहाय’ और मुख्यमंत्री के लिए ढेरों दुआएं। इस घटना के बाद रिक्शा चालकों को ठहरने के लिए कोई रैन बसेरा बनाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा।
(अकील सिद्दीकी,संवाददाता)