वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो 12 दिन के अंदर ये फैसला लेंगें की हमें अमेरिका-ईरान परमाणु समझौते से अलग होना चाहिए या नहीं। ट्रंप ने ये बयान इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के उस बयान के बाद दिया है, जिसमें उन्होंने ईरान पर परमाणु बमों की बढ़ोतरी करने का आरोप लगाया था। नेतन्याहू ने एक साक्षतकार के दौरान कहा था कि ईरान दुनिया की नजरों से छिपकर परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके खिलाफ हमारे पास साक्ष्य मौजूद हैं।
इस बयान को लेकर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स का कहना है कि मिसाइल के जरिए इस्तेमाल किए जा सकने वाले परमाणु हथियार विकसित करने के ईरान के प्रयासों के संबंध में इजराइल ने ये सूचना दी है। सैंडर्स ने कहा कि इसको लेकर विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच बातचीत हुई है। नेतन्याहू का कहना है कि उनके पास इसका पुख्ता सबूत है कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रमों के बारे में झूठ बोला है।
सैंडर्स ने कहा कि ये तथ्य अमेरिका के पास लंबे समय से उपलब्ध सूचनाओं के मेल खाते हैं। ईरान के पास एक संगठित और गोपनीय परमाणु हथियार कार्यक्रम है , लेकिन वह उसे दुनिया और अपने लोगों से छुपाने में नाकाम रहा है। इजरायली प्रधानमंत्री ने ट्रंप को 2015 के ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के लिए ठोस वजह दे दी है। इस समझौते के तहत ईरान खुद पर लगाए गए प्रतिबंधों के बदले में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों को बंद करने पर सहमत हो गया था।