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अमेरिका ने कृषि कानूनों को दिया अपना समर्थन, कहा- इससे भारतीय बाजारों की उपयोगिता बढ़गी

WhatsApp Image 2021 02 04 at 11.10.57 AM अमेरिका ने कृषि कानूनों को दिया अपना समर्थन, कहा- इससे भारतीय बाजारों की उपयोगिता बढ़गी

वॉशिंगटन। जैसा कि सभी जानते हैं कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को दो महीने से ज्यादा हो चुके हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर डटे हुए है। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन ने दिल्ली के तीनों बाॅर्डरों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। इसके साथ ही बाॅर्डर पर इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। इसी बीच विदेशी सेलेब्स द्वारा भी किसानों का समर्थन किया जा रहा है। वहीं आज किसान आंदोलन को लेकर अब अमेरिका ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने केंद्र के कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा है कि किसी भी देश में शांतिपूर्ण विरोध को लोकतंत्र की पहचान माना जाता है। ऐसे में कानूनों को लेकर हुए मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।

नए कानून निजी क्षेत्र के अधिक निवेश को बढ़ावा देंगे- अमेरिका

बता दें कि किसानों का समर्थन देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी किया जा रहा है। जिसके चलते बीते बुधवार को पाॅप स्टार रिहाना, मिया खलीफा, ग्रेटा थनबर्ग, अमांडा केरनी आदि कई अंतराष्ट्रीय हस्तियों ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। इसके साथ ही देश में किसानों द्वारा महापंचायत कर अधिक से अधिक किसानों को आंदोलन से जोड़ा जा रहा है। जिसके चलते आज किसान आंदोलन को लेकर अब अमेरिका ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने भारत सरकार के तीनों नए कानूनों का समर्थन करते हुए कहा है कि इससे भारतीय बाजारों की उपयोगिता बढ़गी। साथ ही स्टेट डिपार्टमेंट ने यह भी कहा है कि अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारत के बाजारों की उपयोगिता में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र के अधिक निवेश को बढ़ावा देंगे। हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग ने साथ ही ये भी कहा है कि विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। शांतिपूर्ण विरोध एक मजबूत लोकतंत्र की पहचान है।

सूचना के जरिए और इंटरनेट एक्सेस होना अभिव्यक्ति की आजादी-

इसके साथ ही कानूनों का समर्थन करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग ने ये भी कहा है कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया है। सूचना के जरिए और इंटरनेट एक्सेस होना अभिव्यक्ति की आजादी है। जो कि लोकतंत्र के परिचायक होते हैं।

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