लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित इको गार्डन में चल रही एंबुलेंस कर्मियों के प्रदर्शन के दौरान एक एंबुलेंस कर्मी ने आत्महत्या करने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि एंबुलेंस कर्मी ने पेड़ से लटक कर जान देने की कोशिश की, हालांकि वहां मौजूद अन्य प्रदर्शनकारियों ने उसे बचा लिया।
वही जैसे ही इस घटना की जानकारी पुलिस को मिली मौके पर पहुंची पुलिस ने इको गार्डन में हजारों की तादाद में इकट्ठा हुए कर्मियों को वहां से खदेड़ दिया।
दरअसल बीते 3 दिनों से हजारों की संख्या में एंबुलेंस कर्मी इको गार्डन में इकट्ठा है, एंबुलेंस कर्मी नई कंपनी की नीतियों से नाराज थे, जिसके कारण वह धरना प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन इसी बीच धरना प्रदर्शन के कारण दर्जनों एंबुलेंस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया इतना ही नहीं उन पर एफआईआर भी दर्ज करा दी गई, जिससे एंबुलेंस कर्मी अत्यधिक आक्रोशित हो गए। बताया जा रहा है कि नौकरी जाने के डर से एक प्रदर्शनकारी ने आत्महत्या की कोशिश की।
इस वजह से प्रदर्शन कर रहे एंबुलेंस कर्मी
उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस सेवा का पूरा संचालन जीवीके इएमआरआई कंपनी द्वारा किया जाता है, इस कंपनी के पास ही 102,108 तथा एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की जिम्मेदारी थी, लेकिन कुछ समय पहले सरकार ने दोबारा टेंडर कर दूसरी कंपनी को एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के संचालन की जिम्मेदारी दे दी, जिसके बाद नई कंपनी ने पुराने कर्मचारियों को ना रखने की बात कही, इसी बात से कर्मचारी नाराज हो उठे और उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि 26 जुलाई को हड़ताल के बाद एंबुलेंस कर्मियों की बात मान ली गई और कहा गया कि पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को नहीं हटाया जाएगा। कर्मचारियों को समायोजित कर लिया जाएगा, लेकिन इसी बीच कर्मचारी इस बात पर अड़ गए कि उन्हें सरकार अपने नियंत्रण में ले ले, जिससे आने वाले समय में कंपनी बदलने पर नौकरी जाने का खतरा ना रहे। बताया जा रहा है कि इस बात पर शासन तथा एंबुलेंस कर्मियों के बीच सहमति नहीं बनी और हड़ताल जारी रही। उसके बाद आंदोलनकारी एंबुलेंस कर्मचारियों को हटाने का सिलसिला जारी हुआ, जिसके बाद मामला और बिगड़ गया।