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लखनऊ: बाढ़ की तबाही सामने और योगी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी-कांग्रेस

लखनऊ: बाढ़ की आफत तबाही सामने और योगी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी-कांग्रेस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अशोक सिंह ने यूपी सरकार पर जमकर हमला बोला। अशोक सिंहबाढ़ से निपटने में राज्य सरकार की कोई तैयारी नहीं ने कहा है।पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक वर्षा की संभावना,राज्य सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी है। सरकार बताये बाढ़ की आफत तबाही से कैसे बचायेगी।

बारिश की तबाही बीजेपी नहीं देख रही-अशोक सिंह

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया एंड कम्युनिकेशन विभाग के संयोजक-प्रवक्ता अशोक सिंह ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर अपने सांसदों से आशीर्वाद यात्रा निकलवाने वाली भाजपा को भारी वर्षा से हो रही तबाही नहीं दिखायी दे रही है।

यमुना नदी रौद्र रूप धारण कर चुकी है-अशोक सिंह

यमुना नदी अपना रौद्र रूप धारण कर चुकी है, पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक वर्षा की संभावना मौसम वैज्ञानिको ने पूर्व में कर दी थी, बाढ़ से भारी तबाही की स्थितियां हर तरफ उतपन्न हो रही है और योगी आदित्यनाथ सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी हुई है, यमुना के रौद्र रूप धारण करने और भारी वर्षा की संभावना के बाद केन, बेतवा, घाघरा, शारदा और गंगा आदि नदियों का जलस्तर भी बढ़ेगा, जिससे सबसे अधिक नुकसान किसानों का होगा, हजारों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो सकती है, पूर्वांचल और बुंदेलखंड के इलाके वर्षा बाढ़ से जलमग्न होकर जनजीवन को प्रभावित करेगे।

बाढ़ से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं-अशोक सिंह

ऐसे में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की कोई कार्ययोजना या नीति का सामने न आना प्रदेशवासियों के लिये अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण साबित होगा अभी तक सरकार ने वर्षा व बाढ़ से प्रभावित होने वाले इलाकों के लिये किसी तरह की बचाव के लिये तैयारियां नहीं करना, यह दर्शाता है कि उसे आमजनजीवन से उसका कोई लेना देना नही है, बाढ़ और वर्षा से प्रभावित इलाकों के लिये पहले से योजना बनाने से संकट से निपटने से आसानी होती है लेकिन सरकार ग्रामीणों और किसानों के राहत या बचाव की व्यवस्था करने के बजाय वह अपने गुमराह करने वाले एजेंडे के सहारे केवल आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगकर जनकल्याण के एजेंडे से हटकर काम कर रही है।

योगी सरकार की गलतियां लोगों को भुगतना पड़ेगा-अशोक सिंह

योगी सरकार की गलतियों के कारण जनता नुकसान भुगतने को विवश होगी। उन्होने कहा कि राज्य सरकार की कोई तैयारी अभी तक सामने नहीं आयी है। जिससे प्रदेश के अनेक जनपदों में बड़ा नुकसान हो सकता है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि बाढ़ की आफत से कृषि और किसानों के साथ नदियों के तटवर्ती इलाको में रहने वाले जनजीवन को बचाने के लिये योगी सरकार पहले व्यवस्था करे फिर आशीर्वाद लेने और झूठे फर्जी आंकड़े का खेल खेले। उन्होने कहा कि भारी वर्षा की मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी को नजरअंदाज कर राज्य सरकार आंख मूंदकर बैठी है वह मात्र चुनावी तैयारियों के लिये सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की नीति व जनता के धन से अपनी झूठी छवि को जनकल्याणकारी बताने में लगी हुई है।

हर साल बाढ़ आती है, इस बारी भारिश की चेतावनी है-अशोक सिंह

अशोक सिंह ने  कहा कि प्रदेश के अनेक जनपद हर वर्ष बाढ़ से प्रभावित होते है। भारी वर्षा से तराई और पूर्वांचल के जिलों में बाढ़ का असर अधिक खतरनाक होकर ग्रामीण इलाकों को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर और श्रावस्ती में राप्ती, बाराबंकी, अयोध्या और बलिया में घाघरा व खीरी में शारदा खतरे के निशान से उपर जाकर भारी तबाही मचाती है,यमुना नदी ने अपना रौद्र रूप दिखा दिया है।ऐसे में यमुना किनारे बसे बाढ़ प्रभावित इलाके की आबादी भाग्य के भरोसे है, उसकी फसलों, पशुधन के नुकसान की भरपाई के लिये राहत की घोषणा न होने से ग्रामीण आबादी को संकट का सामना करना पड़ रहा है।

राहत अभियान की तैयारी पहले करनी चाहिए थी-अशोक सिंह

जबकि होना यह चाहिये कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिये पहले से राहत अभियान की जमीनी स्तर पर तैयारिया की जानी चाहिये थी उन्होने कहा कि यह शुरुआत है नेपाल की नदियों से आने वाले बाढ़ के पानी से जनधन की भारी तबाही होने के साथ नदियों के तटबंध भी कटेंगे ऐसे में राज्य सरकार की क्या तैयारिया हैं,इसका जवाब उन्हें देना चाहिये।

इस साल वर्षा अधिक होगी-अशोक सिंह

योगी आदित्यनाथ सरकार से मांग करते हुए कहा कि यमुना नदी में आयी से बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव के काम की सभी व्यवस्थाये सुनिश्चित की जायें। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ पिछले वर्ष की तुलना में नावों की अधिक व्यवस्था के साथ बाढ़ शरणालय और अधिक बनाए जाए क्योंकि मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस साल वर्षा से बाढ़ अधिक होगी।

सरकार ठोस कदम उठाएं-अशोक सिंह

अशोक सिंह ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि योगी सरकार को मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी को गम्भीरता से लेकर बाढ़ से निपटने की रणनीति पर काम कर मानव जीवन की रक्षा के लिये कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि घाघरा, गंडक, सरयू, शारदा व गंगा किनारे ग्रामीण इलाके में तबाही से निपटने के लिये ठोस कदम तत्काल उठाये जाए।

तराई से लेकर पूर्वांचल तक स्थितियां विकट होती है। मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर शहर के अंदर तक बाढ़ तबाही मचाती है, भ्रष्टाचार के कारण तटबंधो का कटान अभी से सामने दिखायी देंने लगा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष घाघरा व गंडक में 5 लाख क्यूसेक से आधिक बाढ़ का पानी रिकार्ड किया गया था। इसलिये राज्य सरकार को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिये प्रयास करना चाहिये न कि झूठी छवि चमकाने का।

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