उत्तराखंडः अल्मोड़ा के गोविन्द बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान में आज पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें मॉरीशस के उच्चायुक्त जे गोवर्धन,मंत्रालय के संयुक्त सचिव सहित कई वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों ने शिरकत की। सम्मेलन में कोसी नदी सहित अन्य नदियों को किस तरह से बचाने या पुनर्जन्म करने की चर्चा हुई।इसके साथ ही पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने के लिए भी वक्ताओं ने सुझाव दिये।
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समिट में मुख्य अतिथि भारत में माॅरीशस के उच्चायुक्त जे. गोर्वधन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की संस्कृति उसकी पहचान है। उन्होंने कहा कि इस तरह की संस्कृति दुनिया में किसी अन्य देश में नहीं है। माॅरीशस व भारत एक दूसरे के मित्र देश है और हमेशा एक दूसरे का सहयोग करते आ रहे है।
उच्चायुक्त ने कहा कि हमें पानी को संरक्षित करने की जरूरत है और इसकी जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति की है। हमें पर्यावरण संतुलन को बनाये रखना होगा जिससे हमारे जल स्रोत हमेशा रिचार्ज रहेंगे। गोष्ठी में उपस्थित वन पर्यावरण एवं जलवायु परिर्वतन मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव निकुंज के सुन्दराय ने कहा कि नदियों के जलस्तर में लगातार कमी भारत में ही नहीं बल्कि एक वैश्विक चिन्ता का कारण है। अगर हम इसके लिए समय से नहीं जागे तो इसके घातक परिणाम हो सकते है।
निकुंज के सुन्दराय ने कहा क कोसी नदी पुर्नजनन के लिए दीर्घकालिक योजना बनाने की जरूरत हैं संयुक्त सचिव ने कहा कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय हर सम्भव सहयोग इस अभियान के लिए करेगा। उन्होंने कहा कि एक प्रोजेक्ट रिर्पोट तैयार की जाय जिसके आधार पर इस अभियान के लिए फडिंग एवं अन्य सहयोग किया जाए।