अमृतसर। पंजाब सरकार की ओर से पंजाबी भाषा के साथ किए गए भेदभाव का एसजीपीसी ने सख्त शब्दों में विरोध किया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने इसे सरकार का पंजाब विरोधी फैसला बताया है। एसजीपीसी के प्रवक्ता दिलजीत सिंह बेदी ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से हाल में ही फैसला लेकर मिडिल स्कूलों के अतिरिक्त स्टाफ को बदल कर अन्य स्कूलों में भेजने का निर्णय लिया गया है।

बता दें कि इससे पंजाब के कई स्कूलों में पंजाबी के अध्यापकों की कमी हो जाएगी और कई स्कूलों में पंजाबी नहीं पढ़ाई जा सकेगी। पंजाबी विषय के बच्चों को अन्य विषयों के अध्यापकों से पढ़ना पड़ेगा। इससे पंजाबी के प्रचार व प्रसार में रुकावटें आएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि प्रत्येक स्कूल में पंजाबी अध्यापकों की पर्याप्त संख्या सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि पटियाला जिले में 130 प्राइमरी स्कूलों में अगले वर्ष से गणित और विज्ञान का विषय पंजाबी की बजाय अंग्रेजी माध्यम से करवाने की कोशिश की जा रही है, जो कि पंजाबी विरोधी फैसला है।