प्रयागराज: कोरोना महामारी ने कई घरों को उजाड़ दिया, कई बच्चों को अनाथ कर दिया। एक अनुमान के अनुसार इस कोरोना काल में लगभग नौ हजार बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है।
ऐसे में इन बच्चों की जिम्मेदारी सरकार के कंधों पर है। उनके लालन-पालन, भोजन, शिक्षा, समुचित सुरक्षा और उनका उचित पालन पोषण सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने ऐसे बच्चों की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है।
इविवि कुलपति ने जिला प्रशासन को लिखा पत्र
इस संबंध में इविवि की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने प्रयागराज जिला प्रशासन को एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें उन्होंने लिखा, ‘हमारे जन जीवन पर कोरोना की दूसरी लहर ने बुरी तरह प्रभाव डाला है। एक अनुमान के अनुसार लगभग नौ हजार बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं। ऐसी विपरीत स्थिति में इन बच्चों के प्रति हम सबकी जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है।’
इविवि कुलपति ने प्रयागराज जिला प्रशासन को भेजे प्रस्ताव में कहा कि, कोरोना महामारी के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है, इलाहाबाद विश्वविद्यालय उनकी आगे की पढ़ाई की पूरी व्यवस्था करेगा। उन्होंने कहा कि, विश्वविद्यालय ऐसे बच्चे जिन्होंने 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी कर ली है, उनकी आगे की पढ़ाई का पूरा भार वहन करेगा।
बच्चों को प्रस्तुत करना होगा मृत्यु प्रमाण पत्र
कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने लिखा कि, ऐसे बच्चों को अपने दिवंगत माता-पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। विश्वविद्यालय में अगर ऐसे छात्र अपना नामांकन करवाते हैं तो उनकी पूरी फीस माफ की जाएगी।