लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी दावेदारी भरने के लिए सभी पार्टियां रणनीति तैयार करने में जुटी हैं। इसी क्रम में कांग्रेस मुस्लिम समाज को एकजुट कर अपनी तरफ खींचने में जोर दे रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मंगलवार को उलेमाओं के साथ वर्चुअल मीटिंग की। उन्होंने कहा कि, अगर मुसलमान कांग्रेस की तरफ आ जाए और भाजपा से पीड़ित सभी जातियों और धर्म के लोग कांग्रेस का दामन थाम लें तो आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे मजबूत पार्टी होगी।
‘आज़ादी की लड़ाई में थी उलेमाओं की अहम भूमिका’
कांग्रेस नेता ने कहा कि, मुसलमानों को अपनी आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए कांग्रेस के साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि, आज़ादी की लड़ाई में उलेमाओं की सबसे अहम भूमिका थी। ऐसे में उलेमाओं को जम्हूरियत और धर्म निरपेक्षता बचाने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि, जब मुसलमान कांग्रेस के साथ था तो भाजपा की सिर्फ़ दो सीटें हुआ करती थीं। अगर फिर से मुसलमान कांग्रेस में आ जाए तो भाजपा फिर दो सीटों पर सिमट जाएगी।
इसके अलावा भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी सचिव तौकीर आलम ने कहा कि, उलेमाओं के साथ बैठकों में आए सुझाओं को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सौंपा जाएगा, जिसे चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा।
ये लोग रहे शामिल
इस वर्चुअल बैठक का संचालन अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष किताबुल्ला अंसारी ने किया। इसमें मौलाना मोहम्मद शमीम मिस्बाही, क़ारी इज़हारुल हक़, मौलाना मोहम्मद शरीफ़ मिस्बाही, कांग्रेस प्रवक्ता ओबैदुल्ला नासिर, मौलाना आस मोहम्मद, मौलाना मोहम्मद दाऊद अलीमी आदि शामिल रहे।