नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें कश्मीर के हालातों के बारे में जानकारी दी थी। जिसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहें हैं कि केंद्र सरकार कश्मीर में शांति बहाली को लेकर एक एक्शन प्लान तैयार कर रही है। इसी के चलते बुधवार को दिल्ली में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक होने जा रही है जिसमें अलगाववादियों को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी।
मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार अलगाववादी नेताओं के ऊपर कोई सख्त कदम उठा सकती है और उनको दी जा रही सुविधाओं को खत्म करने पर विचार कर सकती है। हालाकि कई लोगों ने अलगाववादियों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को भी वापस लिए जाने की मांग की हैं लेकिन इस पर फैसला जम्मू-कश्मीर सरकार को लेना है। पीडीपी को भाजपा ने साफ कर दिया है कि अब अलगावदियों पर नरम रुख दिखाने का दिन चला गया। अगर पीडीपी ने सख्ती नहीं दिखाई तो राज्य में सत्ता में भागीदार भाजपा कोई और रास्ता भी अख्तियार कर सकती है।
फिलहाल अलगाववादियों की सुरक्षा में 900 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं। बता दें कि जब गृहमंत्री राजनाथ सिंह सर्वदलीय टीम के साथ कश्मीर के दौरे पर गए थे तब अलगाववादियों ने टीम से मिलने से इंकार कर दिया था यहां तक की उनके खिलाफ नारेबाजी भी की थी।
वहीं जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को अलगाववादियों को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए विदेश भेजते हैं और यहां के छात्रों के हाथों में किताब की जगह पत्थर थमाते हैं। इसके साथ ही हुर्रियत नेताओं को नसीहत देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब तहरीक तहजीब से आगे निकल जाए तो तहरीक नहीं रहती।