लखनऊ: राजधानी में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह के मर्डर केस में जौनपुर से पूर्व बीएसपी सांसद धनंजय सिंह पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। राजधानी स्थित सीजेएम कोर्ट ने धनंजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
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अजीत हत्याकांड में शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर के एनकाउंटर के बाद अब पूर्व सांसद धनंजय सिंह के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। साथ ही इस केस में उनके खिलाफ हत्या की साजिश में संलिप्त होने का केस भी दर्ज हुआ है।
सुल्तानपुर के डॉ. के बयान पर फंसे पूर्व सांसद
गौरतलब है कि लखनऊ गैंगवार में अजीत के मर्डर में शामिल एक शूटर का इलाज करने वाले सुल्तानपुर के डॉ. एके सिंह ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि उन्हें पूर्व सांसद धनंजय सिंह का फोन आया था और उन्होंने घायल शूटर के इलाज के लिए कहा था। डॉक्टर ने अपनी सफाई में कहा था कि उन्हें नहीं पता था कि घायल शख्स कोई अपराधी है और उसे गोली लगी है।
पुलिस के नोटिस का जवाब न देने पर वारंट
वहीं, डॉक्टर सिंह के बयान के बाद पुलिस यह निष्कर्ष निकालकर चल रही थी कि इस हत्याकांड में पूर्व बसपा सांसद ने न सिर्फ शूटर्स को सुविधा उपलब्ध कराई थी बल्कि उन्हें पुलिस से बचाने की भी कोशिश की। इस मामले में पूछताछ के लिए पुलिस ने धनंजय को नोटिस भी भेजा था। हालांकि, जब पूर्व सांसद ने इसका संज्ञान नहीं लिया तो अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है।
क्या है पूरा मामला?
आपको याद दिला दें कि राजधानी में बीते माह 6 जनवरी की रात विभूतिखंड क्षेत्र में कठौता चौराहे के पास मऊ जिले के गोहना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह और उसके साथी मोहर सिंह पर कुछ शूटर्स ने गोलियां बरसा दी थीं। इसमें अजीत सिंह को 25 गोलियां मारी गई थीं। इस मामले में मोहर सिंह की तहरीर पर आजमगढ़ के कुंटू सिंह, अखंड सिंह, शूटर गिरधारी समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस अब चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, मुख्य शूटर गिरधारी को दिल्ली से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने लखनऊ में 16 फरवरी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।