देश में कोरोना वायरस के मामले कम जरूर हो रहे हैं, लेकिन स्कूल खोलने को लेकर ना ही सरकार कोई गाइडलाइन जारी करना चाहती है। और ना ही अभिभावक स्कूल भेजने के मूड में दिख रहे हैं।
टीका नहीं तो स्कूल नहीं..
बता दें सरकार ने हाल ही में कहा था कि बच्चों के लिए कोविड टीका उपलब्ध होने पर स्कूल खोलने पर विचार किया जाएगा। वहीं ज्यादातर अभिभावक की भी यही राय है, कि जबतक बच्चों को टीका नहीं लग जाती, या केस 0 नहीं हो जाते स्कूल नहीं खोले जाने चाहिए।
क्या कहते हैं सर्वे के आंकड़े
दरअसल लोकल सर्कल्स स्कूल खोलने को लेकर मार्च 2020 से अबतक 6 सर्वे करा चुका है। जिसमें से 4 महीने पहले हुए सर्वे में 69% पेरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में थे, जो अब 20% ही बचे हैं। वहीं 65% अभिभावक वैक्सीन उपलब्ध होने पर बच्चों को टीका लगवाने को तैयार दिखे।
जुलाई से बच्चों पर ट्रायल शुरू
बता दें कि देश में भारत बायोटेक कोवैक्सीन और नाक से लेने वाली सिंगल डोज वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल कर रही है। जबकि जयडस कंपनी भी 12 से 18 की उम्र के बीच वालों पर ट्रायल शुरू कर चुकी है। इस तरह सिरम इंस्टीट्यूट नोवावैक्स के टीके का जुलाई से बच्चों पर ट्रायल शुरू करने जा रही है।
फाइजर और मॉडर्ना बेहतर ऑपशन
वहीं फाइजर और मॉडर्ना को भी भारत सरकार कानूनी एक्शन से छूट दे सकती है। जिससे ये भी आने वाले महीनों में भारत में उपलब्ध हो सकते हैं। हालांकि ये टीके पहले से ही 12+ को दिए जा रहे हैं। ऐसे में भारत में भी इस उम्र वालों के लिए ऑप्शन खुल जाएंगे।