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योगी कैबिनेट का फैसला: गंगा एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर के समीप बनेगी हवाई पट्टी

शाहजहांपुर के समीप बनेगी हवाई पट्टी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप-टोल माडल पर विकसित करने का फैसला किया है। सरकार ने इस परियोजना के निर्माण के लिए बिडिंग प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है। इस परियोजना की लागत 36,230 करोड़ रुपये है। परियोजना को चार हिस्सों में विकसित करने का फैसला किया गया है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक्सप्रेसवे के विकासकर्ताओं के चयन के लिए प्रत्येक ग्रुप के लिए टेंडर दस्तावेजों पर मुहर लगी। कैबिनेट ने गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की तकनीकी व अन्य संरचनाओं को भी मंजूरी दी है।
सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि बिडिंग प्रक्रिया 60 दिन में पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि यह एक्सप्रेसवे छह लेन चैड़ा होगा, जिसे आठ लेन में तब्दील किया जा सकता है। इस पर आठ लेन की चैड़ाई में संरचनाओं का निर्माण होगा। एक्सप्रेसवे के राइट आफ वे की चैड़ाई 130 मीटर प्रस्तावित है। एक्सप्रेसवे के एक ओर 3.75 मीटर चैड़ी सर्विस रोड बनायी जाएगी, जिससे आसपास के गांवों के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा मिल सके। विमानों की लैंडिंग व उड़ान भरने के लिए एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर के समीप हवाई पट्टी भी बनायी जाएगी। एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चल सकेंगे। इस पर विभिन्न स्थानों पर नौ जनसुविधा परिसर विकसित किये जाएंगे। मेरठ और प्रयागराज में एक-एक मुख्य टोल प्लाजा होंगे, जबकि रैंप टोल प्लाजा की संख्या 15 होगी। एक्सप्रेसवे पर गंगा नदी पर 960 मीटर और रामगंगा नदी पर 720 मीटर लंबे दो बड़े सेतु होंगे।

गंगा एक्सप्रेसवे प्रदेश के जिन 12 जिलों से गुजरेगा, उनमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं।

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