मेरठः एक परिवार को बेटी की पसंद इतनी नागवार गुजरी की अपनी सगी बेटी को ही पिता ने मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने मृतका का शव 12 दिन बाद कब्र से वापस निकाल कर उसका पोस्टमार्टम करवाया। जिसके बाद शाइमा के कत्ल की पुष्टि हुई।
दरअसल, मेरठ के रहने वाले फरमान और शाइमा एक दूसरे से प्यार करते थे। शाइमा के घर वालों को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। जिसके कारण शाइमा को घर वालों की मर्जी के बगैर मार्च में निकाह कर लिया। दोनों पहले से शादीशुदा थे लेकिन उनकी शादी चल नहीं पाई थी और तलाक हो चुका था। वहीं शाइमा के पिता और उसके परिजन इस निकाह को मानने को तैयार नहीं थे। जिसकी वजह से दोनों ने 17 मई को अपनी शादी भी रजिस्टर करवा ली थी।
शाइम के पिता ने मजबूरी दिखाते हुए फरमान के घर वालों से कहा कि एक छोटा सा जश्न करते हैं और सामाजिक मर्यादा के मुताबिक बेटी को घर से विदा कर देंगे। लेकिन पिता ने घर आई बेटी को 31 मई की रात परिवार के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया।
सास और साली ने कबूली वारदात
फरमान के मुताबिक, उसे पूरा विश्वास था कि शाइमा का कत्ल किया गया है। वह लगातार पुलिस से गुहार लगाता रहा लेकिन किसी ने नहीं सुना। फरमान ने बताया कि उसकी साली ने कत्ल की वारदात को कबूल तो किया ही साथ ही उसकी सास ने भी फोन पर बेटी के कत्ल की वारदात को कबूल किया।
आधी रात कब्र से निकाला गया शव
फरमान ने बताया कि उसने लिसाड़ीगेट थाना पुलिस को 2 जून को अपनी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने उसकी आवाज बंद कराने की पूरी कोशिश की। कई दिनों तक न्याय के लिए भटकते फरमान को एक दिन एसएसपी मिल गए। एसपी सिटी विनीत भटनागर को फरमान ने पूरी बात बताई, जिसके बाद एसपी का आदेश जारी हुआ और आनन फानन में पुलिस ने मामले को दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। कलेक्टर के आदेश पर आधी रात शाइमा के शव को कब्र से बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। जहां पर पता चला कि उसका कत्ल हुआ था।