पेइचिंग, एजेंसी। चीन से उठने वाले कोरोनावायरस ने जहां एक और पूरी दुनिया को परेशानी में डाला है वहीं अब एक नए तरीके का बयान देकर एक बार फिर से सबको हैरत में डाल दिया है। चीन के स्वशन संबंधी एक डॉक्टर ने आगाह किया है कि कोरोनावायरस पर लगाम नहीं लगाया गया तो पूरी धरती पर आबादी का लगभग 70 फीसद हिस्सा इसकी चपेट में आ सकता है।
डॉक्टर झोंग नानशान ने इस अनुमान के बारे में बताते हुए कहा कि पूरी पृथ्वी के लगभग 4 अरब लोग कोरोनावायरस के चपेट में आ सकते हैं और इनमें से 6.95 फीसद लोग कोरोनावायरस महामारी से मौत भी हो सकती है।
चीनी डॉक्टर ने कहा है कि हमें कोरोनावायरस से संबंधित टीके का जल्द से जल्द याद कर लेना होगा वरना वह दिन दूर नहीं है जब पूरी दुनिया को ना वायरस के तांडव को खुली आंखों से देखेगी और कुछ भी नहीं कर सकेगी।
उन्होंने कहा है कि को विकसित करने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा महामारी को काबू में करने के लिए नियमों और गाइडलाइंस का बखूबी पालन करना होगा अन्यथा कोरोनावायरस हमारे जीवन को नेस्तनाबूद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा।
सामूहिक तरीका ढूंढने में लगेंगे कम से कम 2 साल
डॉक्टर नानशान ने कहा कि दुनियाभर में सामूहिक टीकाकरण में एक से दो साल लगेंगे और इसमें वैश्विक सहयोग की जरूरत होगी। वहीं चीन के एक अन्य कोरोना वैक्सीन की शोधकर्ता चेन वेई ने कहा कि कोरोना वायरस में आ रहे ताजा बदलाव से शोध पर कोई असर नहीं पड़ा है। चीन जल्द ही 55 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने जा रहा है।
बता दें कि चीनी विशेषज्ञ ने यह चेतावनी ऐसे समय पर दी है जब दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या तीन करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। अब तक इस महामारी से 9,50,636 लोग दुनियाभर में मारे गए हैं। कोरोना से निपटने के लिए दुनियाभर में वैज्ञानिक बहुत तेजी से वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। चीन की चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी बताया है।
कोरोनावायरस वैक्सीन की मंजूरी चीन ने दे दी है
कंपनी ने एक बयान में कहा कि अभी तक जिन लोगों को इस वैक्सीन के दोनों टीके लगाए जा चुके हैं उनमें किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा है। कंपनी ने अपने आधिकारिक वीचैट अकाउंट पर कहा कि अभी तक इस वैक्सीन की डोज लगभग 1 लाख लोगों को दी गई है। चीन ने तत्काल उपयोग के लिए कोरोना वायरस के तीन वैक्सीन को मंजूरी दी है। इनमें से दो को चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप (सीएनबीजी) ने विकसित किया है। वैक्सीन की खुराक सबसे पहले संक्रमण की चपेट में आने की संभावना वाले उच्च जोखिम समूह जैसे कि मेडिकल स्टाफ, राजनयिकों को दिए गए हैं। इसके अलावा चीन ने इन वैक्सीनों को अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत आने वाले देशों को भी भेजा है।
डॉक्टर झोंग नानशान की बातों पर अगर भरोसा करें तो हमें जल्द से जल्द कोरोनावायरस के टीके काे ईजाद कर लेना चाहिए ताकि आने वाले समय में कोरोनावायरस से खुद भी सुरक्षित रहें और आने वाली संपत्तियों को सुरक्षित रखने में मदद कर सके। आपको बता दें कि भाई आओ स्थिति भारत में भी हो चुकी है पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर कोरोना वायरस संक्रमण के तुलना में आ चुका है भारत और मरने वालों की संख्या दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा है।