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आस्ट्रेलिया में नया कानून, जल बर्बाद किया तो भरना पड़ेगा बड़ा जुर्माना, देखें क्यों बना कानून

Karnataka government ignored a SC order decided not to leave water आस्ट्रेलिया में नया कानून, जल बर्बाद किया तो भरना पड़ेगा बड़ा जुर्माना, देखें क्यों बना कानून

एजेंसी, सिडनी। ऑस्ट्रेलिया में दिसंबर से फरवरी के दौरान पड़ी भीषण गर्मी की वजह से नदियों का जलस्तर खतरनाक ढंग से नीचे आ रहा है। सिडनी में हालात बदतर हैं। जल स्रोत 1940 के बाद से अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं। स्थिति से निपटने के लिए न्यू साउथ वेल्स प्रशासन (एनएसडब्ल्यू) को एक बार फिर से कड़े प्रतिबंध लागू करने पड़े हैं।

नल खुला छोड़ने पर भी जुर्माना

प्रशासन ने जो नियम तय किए हैं, उनके मुताबिक- नल को खुला छोड़ना भी अपराध की श्रेणी में शामिल होगा। इसके अतिरिक्त अगर किसी ने अपने बगीचे में पानी डालने के लिए स्प्रिंकल सिस्टम का इस्तेमाल किया तो उसे जुर्माना भरना होगा। नए नियमों के मुताबिक- अगर किसी व्यक्ति ने पानी बर्बाद किया तो उस पर 10613 रुपए और संस्थान पर 26532 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। प्रतिबंध अगले सप्ताह से लागू होंगे।

2009 में भी लागू किए गए थे प्रतिबंध

इससे पहले पानी की बर्बादी रोकने के लिए न्यू साउथ वेल्स प्रशासन ने 2009 में प्रतिबंध लागू किए थे। सिडनी के कुछ इलाकों में यह दशकों बाद आज भी लागू है। उस दौरान भी पानी की बर्बादी करने पर लोगों पर जुर्माने का प्रावधान रखा गया था।

हर व्यक्ति जल बचाने में योगदान करे

कुछ अर्सा पहले सिडनी की मरे-डार्लिंग नदी में पानी की कमी से बहुत सारी मछलियां मर गई थीं। चुनाव में भी ये बात मुद्दा बनी थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नदी में पानी का बहाव कम होने से ऑक्सीजन की मात्रा भी घट गई। मछलियों के मरने की वजह उनका दम घुटना रहा। साउथ-ईस्टर्न स्टेट की जल मंत्री मेलिंडा पवे का कहना है कि सारा इलाका भीषण सूखे से जूझ रहा है। इससे निपटने के लिए हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। प्रतिबंध इसी वजह से लागू किए गए हैं।

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