यूपी राज्य

इलाज के दौरान मरीज की मौत, परिजनों का फूटा गुस्सा

patient death during treatment इलाज के दौरान मरीज की मौत, परिजनों का फूटा गुस्सा

प्राइवेट नसिंहग होम में महंगा इलाज न करा पाने के कारण गरीब लोगों सरकारी अस्पताल में अपने मरीज को भर्ती कराते हैं। लेकिन मरीज के तीमारदारों से डॉक्टर व स्टाफ पैसे की डिमांड करते हैं। डिमांड न पूरा कर पाने पर मरीज को इलाज के अभाव में मरने के लिए छोड़ देते हैं। चाहे उसकी मौत ही क्यों न हो जाए। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिला अस्पताल में देखने को मिला जहां जिले के ही मलवा कस्बे की रहने वाले बृजभूषण अपनी बेटी अंकिता को इलाज के लिए भर्ती कराए थे।

patient death during treatment इलाज के दौरान मरीज की मौत, परिजनों का फूटा गुस्सा
patient death during treatment

यहां डॉक्टर व स्टाफ ने इलाज के नाम पर 20 हजार रुपए की मांग की थी। मांग पूरी न होने पर डॉक्टर व स्टाफ नर्स ने मरीज का इलाज नहीं किया और इलाज के अभाव में अस्पताल के बेड पर तड़प तड़प कर अंकिता ने अपना दम तोड़ दिया। जिसपर परिजनों का गुस्सा फुट पड़ा और हंगामे के साथ साथ अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, वहीं मृतक के परिजनों ने बताया की इसे बुखार आ रहा था तभी इसे गोपालगंज सीएससी से यहां के लिए रेफर किया और जिला अस्पताल में इलाज के नाम पर 20 हजार मांग रहे थे। मांग न पूरी होने पर बेटी का इलाज नहीं किया और उसकी मौत हो गई, वही सीएमएस हरिगोविंद की माने तो यह लड़की पंद्रह दिनों से बीमार थी और कुछ जांचें हो चुकी थी। कुछ जांच बाकी थी, उन्होंने साफ किया है कि पैसा मांगने का मामला गलत है, उन्होंने कहा है कि मामले में बॉडी का पोस्टमार्टम के लिए आदेश कर दिया है पोस्टमार्टम से मौत का कारण स्पष्ट हो जाएगा।

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