यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर दावे करने वाली सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं राम भरोसे चल रही है। ताजा मामला फतेहपुर जिले का है जहां एक गर्भवती महिला सरकारी अस्पताल की जमीन पर लगभग 10 घंटो से तड़पती रही लेकिन उसकी सुध लेने के लिए कोई भी डॉक्टर नहीं आया। जब गर्भवती महिला को तड़पता देख मीडिया ने पीड़ित महिला के परिजनों से बात की तो डाक्टरों ने आनन फानन महिला को अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया। इस मामले में महिला सीएमएस डाक्टरों की लापरवाही पर पर्दा डालते हुए स्टॉफ की कमी की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ती हुई नजर आ रही है।
फतेहपुर जिले के महिला अस्पताल के बाहर तड़पती गर्भवती महिला बीती रात से इलाज के लिए तड़प रही है। लेकिन उसकी सुध लेने को कोई डॉक्टर तक नहीं आया। यह वाक्या जब सामने आ रहा है जब सरकार गर्भवती महिलाओं को बेहतर इलाज के लिए नई नई योजनाएं बनाकर प्रचार प्रसार कर रही हैं | पीड़ित महिला के पति माने तो जहानाबाद सीएचसी में अपनी गर्भवती पत्नी को भर्ती कराया था जहां डाक्टरों ने हालत गंभीर देख जिला महिला अस्पताल के लिए 108 एम्बुलेंस से रेफर कर दिया। एम्बुलेंस चालक ने महिला को बीती रात लगभग 2 बजे जिला महिला अस्पताल के गेट में छोड़कर चला गया। पीड़ित ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों से इलाज किए जाने की गुहार लगता रहा। लेकिन किसी डॉक्टर को गर्भवती महिला की चीखे नहीं सुनाई दी। लेकिन जब मीडिया ने महिला को तड़पता देखा और गंभीरता दिखाई तो आनन फानन डॉक्टरों ने महिला को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया।