लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली सफलता का श्रेय आप भले ही सरकार की नीतियों और पार्टी के कार्यकर्ताओं को मान रहे हो, लेकिन इन सबके पीछे दिमाग किसका था। ये नहीं जानते होंगे। दरअसल वह कोई और नहीं, बल्कि भाजपा के प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर हैं। रणनीति बनाकर उन्होंने हारी बाजी को पलटने का काम किया। राठौर ने भाजपा के जिला पंचायत सदस्य कम संख्या में जीतने के बावजूद 67 जिला पंचायत अध्यक्ष जिताने का कार्य किया है।
भाजपा ने पंचायत चुनाव से पहले विधान परिषद के सदस्य व प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक को पंचायत चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया था। इसके अलावा सभी क्षेत्रों में भी प्रदेश के बड़े नेताओं को क्षेत्र स्तर पर प्रभारी नियुक्त किया गया। प्रदेश के अलावा प्रत्येक जिले में भी प्रान्तीय स्तर के नेता को पंचायत चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया गया। पार्टी नेतृत्व ने तय किया था कि जिला पंचायत प्रत्याशियों के नाम मंडल से जिले में और जिला से क्षेत्र और क्षेत्र से प्रदेश नेतृत्वव के पास आयेगा। जिला संगठन में गुटबाजी और विधायकों से समन्वय न होने के कारण सब अपने-अपने करीबियों को टिकट दिलाने की जुगत में लग गये। परिणाम यह हुआ कि जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशियों का चयन ठीक से नहीं हो पाया। प्रदेशभर में बड़ी संख्या में भाजपा से बाहरी ठेकेदार और स्थानीय नेताओं के पिछलग्गू टिकट पाने में सफल रहे। वर्षों से भाजपा में काम करने वाले पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं को नजरंदाज किया गया। जिससे भाजपा को पंचायत चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। अधिकांश जिलों में कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्षों पर टिकट बेचने का भी आरोप लगाया था।
जेपीएस राठौर को क्यों बनाना पडा पंचायत चुनाव का प्रभारी?
भाजपा को जिला पंचायत सदस्य चुनाव में मिली हार के बाद जेपीएस राठौर को पार्टी ने जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया। अगर भाजपा नेता विजय बहादुर पाठक के नेतृत्व में भाजपा के अधिक से अधिक जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशी जीत कर आते तो जीपीएस राठौर को बीच में पंचायत चुनाव का प्रभारी नियुक्त नहीं करना पड़ता। प्रभारी बनने के बाद राठौर ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशियों के चयन में पूरी पारदर्शिता बरती। साथ ही वह जिले के सांसद व विधायकों से कहा कि कैसे भी हो हमें जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा का चाहिए। साथ ही भाजपा ने इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट मांग रहे प्रत्याशियों से कहा कि बैठक में आप अपने अपने समर्थित उम्मीदवारों का साथ लेकर आयें। इससे जिसके पास ज्यादा सदस्य थे उसको उसकी आर्थिक स्थित के आधार पर उम्मीदवार बनाया गया।
राठौर उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत के 75 में से 67 सीटों पर भाजपा को विजय दिलाने में कामयाब रहे। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में मिली ऐतिहासिक सफलता पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ने उनकी हौसला आफजाई की है। इससे पहले राठौर 2017 के यूपी विधान सभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रबंधन के प्रभारी रहे हैं।