देहरादून। सचिवालय में सी.एम के द्वारा बैठक और अधिकारियों को निर्देश के मामले में भाजपा के कड़े विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी पलटवार किया है। मुख्यमंत्री ने भाजपा अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट से आचार संहिता पर दिये बयानों पर उनसे राज्य की जनता से क्षमा मांगने को कहा है।
उन्होंने कहा कि भट्ट द्वारा अधिकारियों को उनके निर्देश देने व सचिवालय में जाकर शासकीय कार्य व विशेष फाईलों के निस्तारण पर दिये बयान पर स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेता जनता द्वारा नकारे जाने व अपने प्रधानमंत्री व राष्ट्रीय अध्यक्ष की फजीहत कराने का ठीकरा अपने सर पर फूटने की आशंका से वह बयानबाजी करने लगे हैं।
रावत ने कहा कि चुनाव आयोग के हर निर्देश व आचार संहिता का वह मुख्यमंत्री के रूप में पूर्ण सम्मान करते हैं,लेकिन भाजपा नेता बतायें कि चुनाव आयोग के किस निर्देश से मुख्यमंत्री के रूप में उनको आपदा, वनाग्नि जैसे विषयों पर कार्य करने की रोक लगी है। क्या 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्तीय वर्ष में केन्द्र सरकार को भेजे जाने वाले उपयोगिता प्रमाण-पत्र, केन्द्र में लम्बित विभिन्न परियोजनाओं के धन की मांग की पैरवी करना मुख्यमंत्री के संवैधानिक दायित्व निर्वाहन का हिस्सा ही तो है।